कानपुर पुलिस और अपराध शाखा ने नकली नोट छापने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह में आईएएस अधिकारी का पीएचडी डिग्री धारक और बीटेक पास एक अन्य युवक भी संलिप्त है। इनका गोरखधंधा पूरे उत्तर प्रदेश में फैला हुआ है। ये लोग चालीस हजार असली रुपए के बदले में एक लाख के जाली नोट देते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से लाखों के नकली नोट और नोट छापने की मशीन भी बरामद की है।
पुलिस आयुक्त श्री बीपी जोगदंड ने पत्रकारों को बताया कि फिरोजाबाद में नोट छापने का काम कर रहे थे। पकड़ गएलोगों ने कानपुर को आपूर्ति केन्द्र बना रखा था। सबसे पहले पुलिस ने स्थानीय मुखबिर की गुप्त सूचना पर गुजैनी जी-ब्लॉक निवासी विमल सिंह चौहान को लाखों के नकली नोटों की खेप के साथ पकड़ा।
पूछताछ में विमल ने पुलिस को बताया कि उसे फिरोजाबाद के कुंवर अनुज कुमार उर्फ छोटू और सौरभ सिंह नकली नोट सप्लाई करते हैं। पुलिस ने टीम बनाकर फिरोजाबाद में नकली नोट छापने वाले गोदाम पर छापा मारा। इसमें 4.59 लाख के जाली नोट और प्रिंटर समेत नकली नोट छापने का पूरा सामान बरामद किया।
इसके साथ ही मास्टरमाइंड सौरभ सिंह को अरेस्ट कर लिया। सौरभ अराव रोड अवध नगर सिरसागंज थाना फिरोजाबाद का रहने वाला है। इसके अलावा कुंवर अनुज कुमार उर्फ छोटू भी पकड़ा गया। वह ग्राम गणपतिपुर थाना नगला खान फिरोजाबाद का रहने वाला है।
पुलिस ने जब गहनता से पूछताछ की तो यह सामने आया कि सौरभ सिंह और कुंवर अनुज कुमार नकली नोट छापने के मुख्य साजिशकर्ता हैं। सौरभ के भाई उपेंद्र सिंह पीसीएस अधिकारी हैं और आगरा में एडीओ के पद पर नियुक्त हैं। जबकि भाभी रेखा सिंह आईएएस हैं और किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार हैं। अफसर दंपती का भाई सौरभ पीएचडी कर चुका है।
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