मनरेगा योजना के कार्यों के संचालन के लिए वर्तमान में मस्टर रोल बनाने का काम अभी तक ब्लॉक स्तर पर किया जाता है। जिससे ग्राम पंचायतों में संचालित होने वाली योजनाओं में समय लगता है और यह लंबित होती हैं। शासन ने प्रदेश के कई जनपदों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ग्राम पंचायतों से मनरेगा का मस्टर रोल तैयार और फीड कराया गया था। जिसके परिणाम सकारात्मक रहे और ग्राम पंचायतों के काम में काफी तेजी आई।
जल्द ही मनरेगा विभाग की ओर से जिले के 1185 ग्राम पंचायतों में तैनात रोजगार सेवकों और कंप्यूटर ऑपरेटरों को ट्रेनिंग दी जाएगी। रोजगार सेवकों और कंप्यूटर ऑपरेटरों को ट्रेनिंग मिल जाने के बाद ग्राम पंचायत में ही मनरेगा का मस्टर रोल निकलेगा और वहीं पर फीड किया जाएगा। रोजगार सेवक यह कार्य पंचायत भवनों में ही करेंगे। हालांकि मनरेगा भुगतान की जिम्मेदारी विकास खंड स्तर की ही होगी।
मनरेगा के कई कार्य ब्लॉक स्तर पर किए जाते है। जिसमें मस्टर रोल फीडिंग, कार्य योजना पूरी करने, मनरेगा के भुगतान जैसे काम शामिल है। इसमें मस्टर रोल फीडिंग और कार्य योजना पूरी करने की कागजी कार्रवाई में ब्लॉक स्तर पर ढिलाई बरती जाती है। वर्तमान में मनरेगा की कई कार्य योजनाएं जनपद के ब्लॉकों में अभी भी लंबित है। मनरेगा के मस्टररोल फीडिंग में भी ब्लॉकों द्वारा ढिलाई बरती जाती है। लेकिन अब पंचायत स्तर पर ही मस्टररोल निकलेगा और वहीं, फीड किया जाने का काम शुरू हो जाने से पंचायतों के कामों में तेजी आएगी।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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