Oct 22, 2022

अदम गोंडवी की जयंती में शामिल हुए दो आईएएस,गोंडा के महापुरुषों को किया नमन

करनैलगंज/गोण्डा -  मेरी सिद्दत ने केवल केवल सर झुकाया दो जगह। या कोई मजलूम हो या साहिबे किरदार हो।। इस पंक्ति को आजीवन आत्मसात करने वाले,गरीबों , मजलूमों, वंचितों की आवाज रहे जनकवि स्व.रामनाथ सिंह अदम गोंडवी की जयंती शनिवार को अनुभूति सामाजिक,सांस्कृतिक व साहित्यिक ट्रस्ट के तत्वाधान में मनाई गई। नगर पालिका परिषद सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित राम अचल आचार्य तथा संचालन याकूब अज्म ने किया। अदम गोंडवी को श्रद्धांजलि देने सेवानिवृत आई ए एस बी के सिंह तथा गोंडा के पूर्व डीएम राम बहादुर  लखनऊ से आए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पूर्व डीएम गोंडा राम बहादुर ने जिले की खासियत का बखान किया। उन्होंने जनकवि अदम सोच की तारीफ करते हुए उनके पद चिन्हों पर चलने की अपील की। तथा गोण्डा में पैदा हुए रामचरित मानस के रचियता गोस्वामी तुलसीदास,पूरी दुनिया को योग की शिक्षा देने वाले महर्षि पतंजलि,कृषि वैज्ञानिक घाघ, आजादी आंदोलन के अग्रदूत महाराजा देवी बक्श सिंह तथा गोंडा में शिक्षा लेकर देश के उत्थान में शामिल पूर्व राष्ट्रपति फकरुद्दीन जैसे महापुरुषों के जीवन चरित्र को स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र श्रीवास्तव ने अदम जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी एक एक पंक्ति में बहुत बड़ा संदेश छुपा है उनका एक एक शब्द अपने आप में आंदोलन है। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार अनिल त्रिपाठी,कार्यक्रम संयोजक अवधेश सिंह, डा ए के सिंह,कौतुक गुप्ता प्रमोद त्रिपाठी,त्रिलोकी नाथ तिवारी,अवधेश गोस्वामी,संतराम सिंह, गजराज सिंह,अमित सिंह,आशीष सिंह,पुष्पा बेदांती,पुनीता बाजपेयी,इफिखार अहमद,विजय बाबा,प्राग सिंह,सचिन सिंह,बीरेंद्र तिवारी बेतुक, के के सिंह दीप,जयदीप सिंह सरस सहित अन्य तमाम लोगो ने अदम जी को नमन करते हुए उन्हें याद किया। कार्यक्रम में कई शायरों व कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से अदम जी तथा असफाक उल्ला खां को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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