पूर्वांचल सिख वेलफेयर सोसाइटी के प्रांतीय संयोजक सरदार सरदार जगवीर सिंह ने कहा कि सिख समाज में दीपावली का बड़ा महत्व है। इसी दिन ग्वालियर किले में बंद सिक्खों के छठे सत्गुरु मीरी पीरी के मालिक गुरु हरगोविंद साहब जब जेल से रिहा हुए।
वे बाहर आने लगे तो उन्होंने देखा 52 हिंदू राजा जेल के अंदर ही हैं। वह नहीं छोड़े गए। इस पर कहा कि जब तक राजा गण नहीं छोड़े जाएंगे , तब तक मैं भी जेल बाहर नहीं जाऊंगा। उस समय के मुगल बादशाह जहांगीर पशोपेश पड़ गए। आखिर में हार मानकर 52 राजाओं को भी गुरु हरगोविंद साहब के साथ छोड़ दिया। यह गुरु जी की महानता है और दूसरों के लिए सच्ची सेवा भी है।
कहा कि इतिहास गवाह है। सिख गुरु ने हमेशा कुर्बानियां दी हैं। छूटने के बाद जब गुरु जी अमृतसर के हर मंदिर साहिब में माथा टेकने के लिए पहुंचे तो भारी सिख संगत ने दीपावली मनाई। सारे अमृतसर को दीपों से जगमगा दिया गया। इस अवसर पर सरदार जसबीर सिंह उर्फ विक्की को सिख संगत की तरफ से सिरोपा देकर सम्मानित किया गया। संगत पंकत में बैठ कर लोगों ने लंगर ग्रहण किया।
कार्यक्रम में कुलदीप सिंह, सरबजीत सिंह, हरभजन सिंह, जगजीत सिंह, राजा सिंह, जसविंदर सिंह, गोलू मोरिया, अमृत पाल सिंह, सुधांशु हिमांशु, दमन प्रीत सिंह, सुरेंद्र कौर करण, भूपेंद्र कौर, सरदार मोंगा, दीपक, हर्ष कालरा आदि शामिल रहे। गुरु द्वारा साहिब कंपनी बाग के मुख्य ग्रन्थी ज्ञानी गुरुजीत सिंह, ज्ञानी प्रदीप सिंह ने गुरु ग्रंथ साहिब के चरणों में अरदास कर सभी के जीवन के सुख समृद्ध के लिए कामना किया।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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