ऑपरेटरों का आरोप है कि उनसे काम करा लेने के बाद बिना मजदूरी दिए ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को शिकायती पत्र देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कोविड की दूसरी लहर में मेडिकल कॉलेज में वेंटीलेटरयुक्त बेड वार्ड बनाए गए। वेंटीलेटर चलाने के लिए चार ऑपरेटरों की तैनाती की गई। कोविड का प्रकोप कम होने पर वार्डो को बंद कराकर ऑपरेटरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
वहां काम कर चुके शिव प्रताप सिंह का कहना है कि काम से छुट्टी देने के बाद काफी दिन तक अधिकारियों ने यह तसल्ली दिलाए रखी कि हम तुम लोगों को दोबारा काम पर ले लेंगे, ज्यादा शिकायत मत करो। लंबा समय गुजर जाने के बाद हम लोग शिकायत के लिए मजबूर हुए है। कॉलेज प्रशासन ने जहां एक ओर हमें बेरोजगार कर दिया, वहीं मजदूरी भी नहीं दी जा रही है। उप श्रमायुक्त कार्यालय से नोटिस जारी की गई है, लेकिन अभी तक उसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया है।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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