Sep 23, 2022

जिला कारागार गोण्डा में विधिक साक्षरता शिविर का हुआ आयोजन

गोण्डा- उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ व माननीय जनपद न्यायाधीश श्री रविन्द्र कुमार के निर्देशानुसार आज दिनांक- 22.09.2022 को जिला कारागार गोण्डा में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन श्री विश्वजीत सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा की अध्यक्षता में किया गया। विधिक साक्षरता शिविर में सचिव द्वारा 'विचाराधीन बन्दियों के शिकायतों के निराकरण' के बावत जानकारी देते हुए बताया गया कि जेल में निरूद्ध विचाराधीन बन्दियों के अधिकारों की बात प्रत्येक स्तर पर होती रही है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्तियों ने अपने कई निर्णयों में सजायफ्ता और विचाराधीन कैदियों के अधिकारों के बारे में उल्लेख किया है। विचाराधीन कैदी या फिर सजायाफ्ता कैदी के अधिकार जेल में भी बने रहते हैं और कानून के हिसाब से ही उनके अधिकारों पर अंकुश लगाया जा सकता है। आपराधिक विधि के अन्तर्गत किसी भी व्यक्ति को तब तक दोषी नहीं माना जा सकता जब तक कि न्यायालय आरोपी को दोषी नहीं मानता। जब भी किसी व्यक्ति के विरूद्ध कोई आरोप लगाया जाता है तो वह मात्र आरोपी होता है। ऐसे में उसे यह संवैधानिक अधिकार है कि उसे अपने बयान का मौका मिले। इस सन्दर्भ में संविधान के अनुच्छेद-22 में मूल अधिकार है कि प्रत्येक आरोपी को बचाव का मौका दिया जाए। इसके तहत अदालत का कर्तव्य है कि जब भी कोई आरोपी अदालत में पेश हो तो वह उससे पूछे कि क्या उसे वकील चाहिए ? वकील न होने पर अदालत आरोपी को सरकारी खर्च से वकील मुहैया कराती है। विधिक साक्षरता शिविर में सचिव द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता के सन्दर्भ में सांविधानिक उपबना दण्ड प्रक्रिया संहिता में गणित उपबन्ध व माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये अद्यतन निर्णय पर भी विस्तृत रूप से जानकारी दिया गया। इस अवसर पर जिला कारागार के डिप्टी हरी प्रसाद मिश्रा सहित अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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