Aug 26, 2022

कच्ची शराब पर लगातार कार्रवाई, फिर भी धंधा जारी

जिले के माझा क्षेत्र में कच्ची शराब का धंधा फल-फूल रहा है। आबकारी विभाग कागजों में कार्रवाई का खाका खींच कर पीठ थपथपा रहा है। जबकि धंधेबाज एक ओर राजस्व का चूना लगा रहे हैं तो दूसरी ओर जिंदगी के साथ खिलवाड़ भी। तीन माह में करीब दस हजार लीटर कच्ची शराब आबकारी विभाग ने पकड़ी है। हजारों लीटर लहन नष्ट करने का कागजी हिसाब भी है।
कच्ची शराब के लिए अति संवेदनशील छावनी, कप्तानगंज, परशुरामपुर क्षेत्र जाना जाता है। यहीं से सीमावर्ती जनपद गोंडा और सिद्धार्थनगर सहित अन्य क्षेत्रों में कच्ची शराब की आपूर्ति की जाती है। कच्ची शराब के धंधेबाजों पर आबकारी व पुलिस विभाग की नकेल ढीली है। क्योंकि आए दिन यहां कच्ची शराब पकड़ी जा रही है। दो दिन पहले भी पुलिस ने यहां से कच्ची शराब की खेप पकड़ी    
विभागीय सूत्र बताते हैं कि कच्ची शराब के धंधेबाज एक बडे़ रैकेट के रूप से धंधे में लिप्त हैं। माझा में तैयार की गई कच्ची शराब को ट्यूब व यात्री बैग में भर दोपहिया वाहनों से दूरदराज के इलाकों में आपूर्ति करते हैं।    
विभागीय सूत्रों का कहना है कि कच्ची शराब के निर्माण में महुवा, गुड़, यूरिया, फिटकिरी तथा अल्कोहल का प्रयोग किया जाता है। इनसे तैयार कच्ची शराब पीने वालों की क्षमता और बढ़ा देता है।    
थाना क्षेत्र के बरहपुर, श्योरा पट्टी, जटौलिया, चौरी, हरनहवां, जमौलिया, करिगहना गांव के अलावा सिकंदरपुर कस्बे समेत कई स्थानों पर कच्ची शराब का धंधा फलफूल रहा है।    
कोर्ट का कहना है कच्ची शराब के धंधे पर नियंत्रण कर लिया गया है। क्योंकि इस धंधे में लिप्त लोगों पर गैंगस्टर व अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। जहां से भी कच्ची शराब बनने या बेचने की सूचना मिलती है, तत्काल कार्रवाई की जाती है।   

रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट

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