Sep 28, 2019

जिले की नदियों, तालाबों व बिलुप्त हो रही दर्जनों झीलों की अस्मिता की लड़ाई लड़ेंगे - प्रतीक भूषण गोण्डा से लखनऊ तक साइकिल यात्रा से करेंगे सरकार का ध्यानाकर्षण।


गोण्डा।
 बीजेपी के टिकट पर जीतकर पहली बार गोण्डा सदर से  विधायक बने प्रतीक भूषण सिंह अपने नवाचार के लिये पहचान बनाते जा रहे हैं, विधायक बनने के बाद गोण्डा के विकास के लिये कोई न कोई नया प्रयोग करते रहते हैं, बताते चलें कि जब स्वच्छता के मामले में देश के सर्वे में सबसे जनपद का नाम निचले पायदान पर आया तो उन्होंने सबसे पहले  गोण्डा को स्वच्छ बनाने की मुहिम छेड़ी और गोण्डा को स्वच्छता के मामले में अलग पहचान दिलाने का काम किया, वैसे तो गोण्डा सदर से बहुत विधायक चुने गये होंगे, लेकिन प्रतीक भूषण ने सत्तावनी क्रांति के महानायक भारत माँ के अमर सपूत, महाराजा देवी बख्श सिंह पुस्तकालय सभागार का जीर्णोद्धार कराकर उसका सुंदरीकरण कराया और चारो तरफ से अतिक्रमित हो रही भूमि को सुरक्षित कराया, इतना ही नही शहर के अति प्राचीन व ऐतिहासिक धरोहर सगरा तालाब,  गोवर्धन मन्दिर को नया रूप देने की पहल की। और अब मानव जीवन अगली पीढ़ी को सवारने के लिये जिले के सरयू, घाघरा की सहायक टेढ़ी , विसुही, पथरी, आरँगा व मनोरमा नदियों ,तालाबो और दर्जनों झीलों के विलुप्त होने से भविष्य में उत्तपन्न होंने वाले खतरों पर चिंता व्यक्त करते हुये मानव जीवन को इस समस्या से निजात दिलाने के लिये 29 सितम्बर को नवरात्रि के शुभारम्भ पर गोण्डा से लखनऊ तक  साइकिल यात्रा निकाल कर इन मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने का निर्णय लिया है।



विधायक प्रतीक भूषण के  अनुसार-   व्यवसाय, उद्दोग, पर्यटन आदि क्षेत्रों में जनपद की क्या पहचान है, बनारस शिल्क, कालीन, कानपुर, चमड़ा उद्दोग, फिरोजाबाद, चूड़ी, अयोध्या और प्रयाग पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होकर आकर्षण का केंद्र है, लेकिन गोण्डा का इन क्षेत्रों में नगण्य होना चिन्ता का विषय है। स्वाधीनता की लड़ाई में शुरू से अंत तक विशेष योगदान गोण्डा को प्राप्त है, तो उसके लिये इस क्षेत्र का वैभव ही जिम्मेदार है, इन्ही नदियों तालाबो और झीलों व अति उपजाऊ मिट्टी की वजह से गोण्डा का यह क्षेत्र हर दृष्टिकोण से मानव जीवन के लिये वैभवशाली, समर्द्धिशाली व मानव जीवन के सदैव उपयुक्त माना गया है

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