Sep 14, 2019

करनैलगंज/ गोण्डा - हिंदी दिवस पर स्कूलों में हुये विविध कार्यक्रम, अनुभूति ट्रस्ट ने मार्तभाषा को राष्ट्र भाषा का दर्जा दिलाने की उठाई माँग।

हिंदी दिवस पर स्कूलों में हुये विविध कार्यक्रम, अनुभूति ट्रस्ट ने मार्तभाषा को राष्ट्र भाषा का दर्जा दिलाने की उठाई माँग।
करनैलगंज/ गोण्डा ।
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति कै मूल।
विन निज भाषा ज्ञान के,
मिटै न हिय कै सुल।



शनिवार को हिंदी दिवस के अवसर पर कई स्कूल, कालेजो में विविध प्रकार के कार्यक्रमो का आयोजन हुआ, इसी क्रम में स्थानीय सरयू डिग्री कालेज में एक सांस्कृतिक प्रोग्राम के साथ एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। कालेज के प्राचार्य डॉ आर बी सिंह ने हिंदी की व्यवहारिकता , व्यापकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी हमारी मातृ भाषा है , जिसे अपनी भाषा का ज्ञान नही उसे सफलता हासिल नहीं हो सकती, वर्ष 1949 में हिंदी भाषा के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये थे और हिंदी को राजभाषा बनाया गया था, उन्होंने कहा कि इस दिन ही हिंदी भाषा से सम्बंधित कई निर्णय लिये गये थे इसीलिए हम 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मानते हैं।श्रीमती ममता मिश्रा के संयोजन में आयोजित  संगोष्ठी का संचालन राजमणि मिश्रा ने किया, संगोष्ठी में डॉ पुनीत सिंह,डॉ मार्शल स्टॅलिन, ओ पी सिंह, त्रिपुरारी दुबे,जगन्नाथ तिवारी, डॉ जावेद अहमद, रविन्द्र प्रताप सिंह सहित अन्य लोगो ने  अपने विचार रखे।इस मौके पर श्रीमती अंतिमा सिंह,  अमरेश कुमार मौर्य, बृजेश सिंह, स्वामीनाथ चौधरी,शेख जमीर इण्डियन , अजय व प्रेमा तिवारी सहित कालेज के छात्र छात्राएं मौजूद रहीं।




अनुभूति सामाजिक,  साहित्यिक व सांस्कृतिक ट्रस्ट के संस्थापक अवधेश सिंह ने हिंदी दिवस पर भारत सरकार से माँग करते हुए कहा, कि, आज के ही दिन 1949 में संविधान सभा ने हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया, जिसे हम हिंदी दिवस व राज भाषा दिवस के रूप में मनाते हैं, लेकिन अब तक  हिंदी राष्ट्र भाषा का स्थान नही प्राप्त कर पाई है। उन्होंने हिंदी दिवस के अवसर पर भारत सरकार से हिंदी को राष्ट्र भाषा का दर्जा दिये जाने की मांग की।


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