करनैलगंज:
स्थानीय तहसील मुख्यालय स्थित करनैलगंज कस्बा बहुतायत मन्दिरों की वजह से छोटी आयोध्या के नाम से सुविख्यात होकर वैसे तो अपनी तमाम विशेषताओं के लिये जाना जाता है, लेकिन यहाँ की सैकड़ो वर्ष पुरानी रामलीला व करीब 35 वर्ष पुरानी दुर्गापूजा इस मंहगाई और आधुनिकता के दौर में अपनी प्राचीन परम्पराओ को सँजोये हुये है।
करनैलगंज में बहुत पहले रामलीला का मंचन धर्मादा लेकर शुरू हुआ जो अब बहुत ही व्यापक रूप ले चुका है, वहीं जानकारों के मुताविक 1985 से नगर में शुरू हुई दुर्गापूजा बहुत भव्य और प्रचलित हो चुकी, इस बार विगत रविवार को शुरू हुये शारदीय नवरात्रि पर जगह जगह माँ के दरबार सज गये हैं,जिससे पूरा क्षेत्र एक अनोखी प्रकार की ऊर्जा से अविभूत है।
कस्बे में मौर्यनगर, सर्वामायी थान, बस स्टॉप तथा कैलाशबाग सहित ग्रामीण अँचलों को मिलाकर सैकड़ो स्थानों पर जगतजननी की प्रतिमाएं स्थापित हैं जहाँ रात्रि में नवो दिन माता का जगराता होता है। कस्बा स्थित कैलाश बाग दुर्गा पूजा समिति द्वारा राष्ट्रीयता और पर्यावरण का संदेश देने के लिये हाथ मे तिरंगा और पौधों को लेकर कलशयात्रा निकाली जिसे देखने के लिये मार्ग के दोनों तरफ लोगो की कतारें देखने को मिली।
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