गोण्डा में आयोजित वेलफेयर स्वदेशी मेला में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (GITI) गोंडा के प्रशिक्षणार्थियों ने अपनी तकनीकी प्रतिभा और रचनात्मकता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
मेले में आई.टी.आई. के विभिन्न ट्रेड्स के प्रशिक्षणार्थियों ने स्वदेशी उत्पादों, आधुनिक तकनीक और पारंपरिक कारीगरी का संगम प्रस्तुत किया। लेजर कटिंग (Laser Cutting) और उत्कीर्णन (Engraving) तकनीक के प्रदर्शन ने दर्शकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया। इन अत्याधुनिक मशीनों ने पारंपरिक कला को नई दिशा दी — लकड़ी, प्लास्टिक, धातु और अन्य सामग्रियों पर बारीकी से डिज़ाइन उकेरे गए, जिन्हें सभी ने खूब सराहा।
लेजर तकनीक की मदद से “डीएम मैडम, सीडीओ मैडम, भारत माता” का उत्कीर्णन, वॉच फ्रेम, रंगोली कटिंग और की-रिंग डिज़ाइन जैसे आकर्षक उत्पाद तैयार किए गए। वहीं, 3डी प्रिंटर की मदद से आदियोगी, राम मंदिर और भगवान गणेश की सुंदर मूर्तियाँ बनाई गईं।
इसके साथ ही, प्रशिक्षणार्थियों ने अपने स्टॉल लगाकर फैशन डिज़ाइनिंग, मेहंदी कला, क्रिएटिव हैंडवर्क और अन्य कौशलों का प्रदर्शन किया। आगंतुकों ने इन प्रस्तुतियों को सराहा और स्वदेशी उत्पादों को न्यूनतम मूल्य पर खरीदा भी।
इन सभी नवाचारों और प्रदर्शनों को टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से चल रहे एडवांस ट्रेड के अंतर्गत प्रदर्शित किया गया।
मेले में यह भी देखा गया कि कैसे इन आधुनिक तकनीकों और पारंपरिक कारीगरी के संयोजन से वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता प्रदान की जा सकती है।यह प्रदर्शनी न केवल प्रशिक्षणार्थियों की तकनीकी दक्षता का उदाहरण बनी, बल्कि स्वदेशी भावना और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल भी सिद्ध हुई।
मेले में शामिल प्रमुख व्यक्तित्व:
बाबूराम (उद्योग आयुक्त), राम सिंह (नोडल), प्रधानाचार्य जी (GITI गोंडा), प्रभुनाथ मिश्रा (प्रधानाचार्य करनैलगंज), कार्यदेशक विजय बारवर, सत्येंद्र कुमार, शिवकांत तिवारी, हनुमान प्रसाद, के.के. यादव (अनुदेशक), विवेक मिश्रा,दीपक श्रीवास्तव(अनुदेशक) नितिन यादव, अभिषेक कुमार,
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