Oct 16, 2025

पुलिस ने वापस कराए फ्राड गए 9,998 रुपए





 गोण्डा - जिले में साइबर फ्रॉड अपराध की रोकथाम के संबंध में त्वरित कार्यवाही करने हेतु पुलिस अधीक्षक गोण्डा श्री विनीत जायसवाल द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी श्री राधेश्याम राय के मार्गदर्शन में थाना तरबगंज की साइबर हेल्प डेस्क की टीम द्वारा पीड़ित की फ्रॉड गयी धनराशि को सम्बंधित बैंक/इंटीमेडरी से संपर्क स्थापित करते हुए भूलवश भेजी गई  संपूर्ण धनराशि 9,998/- पीड़ित के खाते में वापस करायी गयी।
बीते 29.09.2025 को पीड़ित रविन्द्र यादव द्वारा 1930 पर कॉल करके NCRP पोर्टल पर शिकायत की गई कि उनसे 9,998/- फ्रॉड कॉल के जरिये ठग लिए गये हैं । प्राप्त शिकायत में थाना तरबगंज साइबर हेल्पडेस्क द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए संबंधित बैंक/इंटीमेडरी से संपर्क स्थापित करते हुए आज दिनांक 16.10.2025 को पीड़ित रविन्द्र यादव को उनकी शत प्रतिशत् धनराशि 9,998/- रुपये को पीडित के खाते में वापस करा दी गयी है। पीड़ित द्वारा अपने रूपये वापस पाकर प्रसन्नता जाहिर करते हुए थाना तरबगंज की साइबर हेल्पडेस्क की टीम को धन्यवाद दिया गया।

आप भी अवगत हों साइबर धोखाधड़ी होने पर तत्काल 1930 पर सूचना अंकित कराये, सूचना विलम्ब से देने पर साइबर अपराधियों द्वारा धन निकाल लिया जाता है। धन निकलने के उपरान्त पैसे वापस होने की सम्भावना बहुत कम होती है। लोगो को साइबर ठगों से सावधान रहने की जरुरत है। किसी भी अनजान फोन कॉल पर अपनी बैंक डिटेल, ओ0टी0पी0, बायोमैट्रिक डेटा, पैन कार्ड व आधार कार्ड की डिटेल किसी के साथ साझा न करें। फ्रॉड ट्रांजेक्सन होने पर तत्काल अपने बैंक एवं थाना पर गठित साइबर सेल को सूचना दें एवं साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तत्काल शिकायत दर्ज कराएँ।

साइबर सुरक्षा टिप्स
01. ऑनलाइन लेन-देन में सावधानी बरतें
02. किसी भी अनजान फोन कॉल पर अपनी बैंक डिटेल, ओटीपी, बायोमैट्रिक डेटा, पैन कार्ड व आधार कार्ड की डिटेल किसी के साथ साझा न करें। 
03. सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
04. अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें।
05. अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें।
06. ऑनलाइन शॉपिंग में सुरक्षित वेबसाइट्स का उपयोग करें।
07. पासवर्ड को मजबूत और गुप्त रखें।
08. ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखें।
09. साइबर बुलिंग और साइबर स्टॉकिंग के मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करें।
10. ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों में कंपनी प्रबंधन और पुलिस को सूचित करें


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