Sep 23, 2025

शरद कालीन गन्ना बुवाई में सहफसल जरूर ले किसान : डॉ. बी. डी. सिंह

 शरद कालीन गन्ना बुवाई में सहफसल जरूर ले किसान : डॉ. बी. डी. सिंह


बहराइच। पारले कंपनी द्वारा एक बृहद किसान गोष्ठी का आयोजन ग्राम सौगहना में किया गया। गोष्ठी का संचालन उप मुख्य गन्ना प्रबंधक संजीव राठी ने किया। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुवे वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बी. डी. सिंह ने किसानो से कहा की गन्ना फसल में उत्पादन को बढ़ाने की अपार संभावनाए है। किसानो का गन्ना उत्पादन लक्ष्य कम से कम 500 कुंतल प्रति एकड़ होना चाहिए। इसके लिए वैज्ञानिक खेती पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। शरदकालीन बुवाई में अधिक से अधिक गन्ना लगाए। शुद्ध, स्वस्थ एवं ताजा बीज का प्रबंध करे। खेत की तैयारी अच्छी प्रकार करें, तैयारी के समय ट्राइकोडर्मा का प्रयोग जैविक खाद के साथ मिलाकर करे। पारले आर्गेनिक पोटाश का प्रयोग अधिक से अधिक करे। जिससे कीट - रोग कम लगेंगे और उत्पादन भी बढ़ेगा। लाइन से लाइन की दूरी 4 फ़ीट से कम ना हो। 2 आँख का टुकड़ा ही बीज में प्रयोग करे। बीज तैयार करते समय यदि कोई आंख खराब हो तो उसे अलग निकाल दे। खाद - उर्वरक का प्रयोग पहले लाइन में करे। उसके बाद गन्ना बुवाई करें ! बुवाई के बाद केवल 2 इंच मिट्टी ही गन्ने के टुकड़ो पर नाली में डाले। सरावन ना लगाए। इससे जमाव अच्छा होगा और ब्यांत भी अधिक होगा। बीज शोधन कीटनाशक एवं फफूंद नाशक से कर ले। तत्पश्चात बुवाई करें। स्वीकृत प्रजातियाँ ही लगाए। अस्वीकृत प्रजाति 05191 बिल्कुल न लगाएं। अच्छी खेती में आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग करें। जिससे खेती में लागत कम और मुनाफा बढ़ाया जा सके। इस अवसर पर भारी संख्या में किसान और कंपनी के अन्य अधिकारी गण दीपक, सतीश, शारिब, सरोज, अभिषेक मौजूद रहे।

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