अखंड सौभाग्य प्राप्ति हेतु हरितालिका तीज का व्रत आज
आचार्य रमेश चंद्र शास्त्री
भारत मे हमेशा से त्योहारों को विशेष महत्व दिया गया है इसी क्रम में भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला त्योहार को' हरतालिका तीज के नाम से जाना जाता है यह व्रत हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है इस वर्ष यह व्रत 26 अगस्त दिन मंगलवार को उत्साह के साथ मनाया जाएगा इसी दिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए हरितालिका तीज का निर्जला व्रत रखती है हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं भी रखती हैं हिंदू धर्म में हरितालिका तीज का बड़ा महत्व है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरितालिका तीज का व्रत रखने से माता पार्वती को भगवान शिव पति के रूप में मिले थे हरितालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती का विधि विधान से पूजा करने से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और कन्याओं के विवाह में आ रही परेशानियां दूर होती है इसके साथ ही इस व्रत के प्रभाव से कन्याओं को अच्छा वर भी मिलता है हरितालिका तीज की शुरुआत करने के बाद जीवन भर इस व्रत को रखा जाता है हालांकि अगर व्रत रख पाना संभव नहीं हो तो हरतालिका तीज का उद्यापन जरूर करना चाहिए हरितालिका तीज पूजन सामग्री हरतालिका तीज के दिन माता पार्वती भगवान शिव और गणेश जी को को प्रसन्न करने के लिए पूजा के दौरान पूजन सामग्री का विशेष ध्यान रखें जिसमें फल, फूल, कपूर, दीपक, मीठा, सुपारी, बताशा, कुमकुम, पूजा कलश, सूखा नारियल, शमी का पत्ता, धतूरा, शहद, गुलाल, पंचामृत ,कलावा, चंदन, मंजरी, अक्षत, गंगाजल, दुर्वांकुर, बेलपत्र, और केले का पत्ता पूजा अवश्य समलित करें विधि विधान से हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और नए वस्त्र आभूषण धारण करें इसके बाद घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें सभी देवी देवताओं को धूप दीप दिखाएं और व्रत का संकल्प ले इसके बाद माता पार्वती भगवान शिव और गणेश जी का विधि विधान से पूजा करें हरितालिका तीज व्रत कथा का पाठ करें और सभी देवी देवताओं की आरती उतारे माता पार्वती को सोलह सिंगार का सामान अर्पित करें और अखंड सौभाग्य की कामना करें।
No comments:
Post a Comment