Jul 10, 2025

शिव उपासना में रुद्राभिषेक सर्वोत्तम,आचार्य रमेश चंद्र शास्त्री

 शिव उपासना में रुद्राभिषेक सर्वोत्तम,आचार्य रमेश चंद्र शास्त्री

बहराइच सावन का महीना भगवान शिव की विशेष आराधना और उपासना का पवित्र समय माना जाता है। इस महीने में घर पर रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ और फलदायक माना गया है। रुद्राभिषेक एक वैदिक अनुष्ठान है जिसमें शिवलिंग को दूध, दही, घी, शहद आदि विशेष सामग्रियों से स्नान करवाया जाता है। इस प्रक्रिया में रुद्राष्टाध्यायी जैसे बेद मंत्रों का अथवा ओम नमः शिवाय का पाठ करते हुए भगवान शिव की कृपा प्राप्त की जाती है। आइए जानते हैं सावन में घर पर रुद्राभिषेक करने के प्रमुख धार्मिक, आध्यात्मिक और पारिवारिक लाभ।सावन मास भगवान शिव की आराधना का विशेष अवधि होती है। दरअसल इस महीने में सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथ में होता है। यह महीना शिवभक्तों के लिए अत्यंत पावन और शुभदायी माना गया है। सावन में घर पर रुद्राभिषेक करना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आध्यात्मिक और पारिवारिक सुख-समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करता है। रुद्राभिषेक एक प्राचीन वैदिक प्रक्रिया है जिसमें शिवलिंग का जल, दूध, शहद, दही, घी और गंगाजल आदि से अभिषेक कर शिव की उपासना की जाती है। इस पूजन को सावन मास में करना विशेष फलदायक होता है क्योंकि इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। सावन में घर पर रुद्राभिषेक करने के लाभरुद्राभिषेक करने से जन्मों के पाप नष्ट होते हैं और आत्मा पवित्र होती है। यह आध्यात्मिक शुद्धिकरण का श्रेष्ठ माध्यम है।सावन में रुद्राभिषेक से राहु, केतु, शनि आदि ग्रहों की पीड़ा शांत होती है। विशेष रूप से कालसर्प दोष, पितृ दोष और शनि की साढ़ेसाती से राहत मिलती है।रुद्राभिषेक से मन को गहन शांति मिलती है और नकारात्मक ऊर्जा का क्षय होता है। यह मानसिक तनाव, भय और चिंता को दूर करता है।सावन में शिवलिंग का अभिषेक करने से घर में लक्ष्मी स्थिर होती हैं और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। रोजगार, व्यापार और करियर में भी तरक्की होती है।पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और सामंजस्य बढ़ता है। विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और संतान प्राप्ति के योग भी बनते हैं।रुद्राभिषेक की आश्चर्यजनक लाभ  से हमारी कुंडली के महापाप भी जलकर भस्म हो जाते हैं और  शिव तत्व का उदय होता है भगवान शिव का शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं एकमात्र सदाशिव रुद्र की पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वत हो जाती है 

रुद्राभिषेक के विभिन्न पूजन के लाभ इस प्रकार हैं

(1)  जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है 

(2) असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें

(3) भवन वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें 

(4) लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें 

(5) धन वृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें

(6) तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है

(7) इत्र मिले जल से अभिषेक करने से रोग नष्ट होता है  

(8) पुत्र प्राप्ति के लिए गो दुग्ध से अभिषेक करें

 (9) यदि संतान उत्पन्न होकर मृत्यु को प्राप्त होती है ऐसी स्थिति में  वह व्यक्ति गाय के दूध से रुद्राभिषेक करें

(10) रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है

(11) ज्वार की शांति हेतु शीतल जल गंगा जल से अभिषेक करें 

(12) सहस्त्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने से वंश का विस्तार होता है 

(13) प्रमेय रोग की शांति भी दुग्ध अभिषेक से हो जाती है 

(14) सर्करा मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़ बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है 

(15) सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है 

(16) शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्षमा (तपेदिक) दूर होती है (17) पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें (18) गो दुग्ध  तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है(19) पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शंकर मिश्रित जल से अभिषेक करें (20) वैसे तो अभिषेक साधारण रूप से जल से ही होता है इसमें कोई संदेह नहीं कि किसी भी पुराने नियमित रूप से पूजे जाने वाले शिवलिंग का अभिषेक बहुत ही उत्तम फल देता है किंतु यदि पारद या पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक किया जाए तो बहुत ही शीघ्र चमत्कारी शुभ परिणाम मिलता है रुद्राभिषेक का फल बहुत ही शीघ्र प्राप्त होता हैरुद्राभिषेक मनोकामना पूर्ति का उत्तम उपाय है। जो भक्त सच्चे भाव से इस अनुष्ठान को करते हैं, उन्हें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता और संतोष मिलता है। सावन में घर पर श्रद्धापूर्वक किया गया रुद्राभिषेक न केवल भगवान शिव को प्रसन्न करता है, बल्कि आपके जीवन से हर प्रकार की बाधा, रोग और दरिद्रता को दूर कर सुख, शांति और मोक्ष की दिशा में अग्रसर करता है। यह नित्य पुण्य का कार्य है जो पूरे परिवार को लाभ देता है। रुद्राभिषेक के समय मंत्रों का उच्चारण वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। मन, मस्तिष्क और आत्मा को शांति मिलती है तथा नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है।

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