गोण्डा - एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (Integrated Grievance Redressal System) की शिकायतों को गंभीरता से न लेने और निपटारे में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ आयुक्त ने कड़ा रुख अपनाया है। आयुक्त ने आईजीआरएस पोर्टल की समीक्षा में लापरवाही बरतने वाले आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए स्पष्टीकरण से लेकर प्रतिकूल प्रविष्टि तक की कार्रवाई के आदेश दिए हैं। आरजीआरएस की समीक्षा के दौरान आयुक्त को अधीक्षण अभियंता जल निगम ग्रामीण के आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त होने वाले संदर्भों के निस्तारण में से 72% फीडबैक असंतुष्ट मिले। एक अप्रैल से 30 अप्रैल के मध्य अधीक्षण अभियंता जल निगम द्वारा कुल 33 संदर्भों निस्तारण किया गया था, जब सभी निस्तारण का फीडबैक लिया गया 33 में से 24 फीडबैक असंतुष्ट मिले जिस कारण मंडल को दी जाने वाली रैंकिंग प्रभावित हुई। इसको लेकर ही आयुक्त ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अधीक्षण अभियंता को प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदान की है साथ में भविष्य में कोई लापरवाही ना बरतने की चेतावनी दी है।
पांच अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी
आयुक्त देवीपाटन शशि भूषण लाल सुशील ने आईजीआरएस की शिकायतों के निपटारे में लापरवाही को संज्ञान में लिया है। उन्होंने शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आइजीआरएफ पोर्टल पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने एवं रुचि न लेने वाले पांच अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कारण बताओं नोटिस पाने वाले अधिकारियों में अधीक्षण अभियंता सिंचाई एवं जल संसाधन, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मुख्य अभियंता उत्तर प्रदेश जल निगम नगरीय, संयुक्त शिक्षा निदेशक व्यावसायिक शिक्षा एवं उप आबकारी आयुक्त शामिल है। इन सभी अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस जारी कर 3 दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है। यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होगा तो इन अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दे दी जाएगी।
आयुक्त द्वारा कई बार समीक्षा बैठक करने के बावजूद मण्डल स्तरीय फीडबैक में सुधार न होने पर मण्डल स्तरीय अधिकारियों के पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों / संदर्भों के निस्तारण हेतु अग्रिम आदेशों यह व्यवस्था लागू की गई है
1. सभी मण्डल स्तरीय अधिकारी अपने पोर्टल पर प्राप्त संदर्भों का निस्तारण करने से पहले आख्या इस कार्यालय को व्हाट्सअप ग्रुप IGRS Devipatan के माध्यम से प्रेषित करेंगें तथा आयुक्त कार्यालय स्तर से आख्या के परीक्षण में संतोषजनक पाये जाने के पश्चात् सहमति मिलने पर ही निस्तारण आख्या अपलोड की जाएगी।
2. प्राप्त संदर्भों की निस्तारण आख्या निर्धारित समय से 03 दिवस पहले प्रस्तुत की जाएगी ताकि आख्या संतोषजनक न होने पर ससमय पुनः आख्या प्राप्त करने का पर्याप्त समय बचा रहे।
3. यदि इसके पश्चात् किसी मण्डलीय अधिकारी द्वारा प्राप्त संदर्भ का स्वयं के स्तर से (सीधे) आख्या अपलोड/निस्तारण किया जाता है तो संदर्भ के असंतुष्ट होने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की होगी।
4. प्राप्त संदर्भों के सापेक्ष स्पेशल क्लोज के संदर्भों की आख्या भी प्रेषित की जायेगी कि संदर्भ को क्यों स्पेशल क्लोज किया जा रहा है, आख्या में स्पष्ट उल्लेख रहेगा।
5. माह के अंतिम सप्ताह के शुक्रवार को निस्तारण के सम्बन्ध में प्रत्येक माह समीक्षा बैठक आयुक्त कार्यालय से की जायेगी।
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