हीटवेव से प्रभावित पशुओं को तत्काल निकटवर्ती पशु चिकित्सक को दिखाएं
बहराइच । वर्तमान समय में गर्मी एवं हीट वेव में वृद्धि के मद्देनज़र तापमान में बढ़ोत्तरी को देखते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी के निर्देश पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा गर्मी व हीटवेव प्रबंधन हेतु पशुपालकों के लिए एडवाईज़री जारी की गई है। उन्होंने बताया कि गर्म हवाओं व लू के दुष्प्रभाव से पशु का स्वास्थ्य व दुग्ध उत्पादन प्रभावित होता है तथा उचित देख रेख न होने पर पशुओं की मृत्यु भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि हमारे परिवेश में पशुपालन जीविका का महत्वपूर्ण साधन है, पशुओं की मृत्यु होने पर पशुपालक को आर्थिक क्षति होती है। सीवीओ ने पशुपालकों को सलाह दी है कि पशुओं एवं पक्षियों को गर्म हवा व लू के प्रभाव से बचाने के लिये सीधे धूप वाले स्थान में न रखें तथा पशुओं को प्रातः एवं सायं काल में ही चरायी के लिए भेजंे। पशुओं को ऊपर से ढके हुए (छप्पर/टीन शेड) स्थानों में रखें तथा यह विशेष ध्यान रखें कि रोशनदान, दरवाजों एवं खिड़कियों को टाट/बोरे से ढक दें, जिससे सीधी हवा का झोंका पशुओं तक न पहुँच सके तथा टाट/बोरे पर पानी का छिड़काव करते रहें। पशुओं को छाया में बांधें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी/तरल पदार्थ पिलाएं। सीवीओ ने बताया कि कन्सट्रेट संतुलित आहार पशुओं को खिलायें तथा खली, दाना, चोकर की मात्रा को बढ़ा दें, साथ ही नमक एवं गुड़ का भी प्रयोग करें तथा धूप में ज्यादा देर तक रखे हुए गरम पानी पशुओं को न पिलायें, स्वच्छ ताजा पानी हैण्डपम्प या कुओं से ही पिलायें। उन्होंने बताया कि पोखरों का पानी कदापि पशुओं को न पिलायंे। पशु बाड़े में गोबर एवं मूत्र निकास की उचित व्यवस्था करें। विशेष तौर पर पूर्वान्ह 10ः00 से अपरान्ह 04ः00 बजे के बीच सूर्य के ताप से पशुओं को बचायंे, उन्हें खुले स्थान पर धूप में न खड़ा करें। स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को रेडियो/टीवी पर सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें।सीवीओ ने बताया कि लू से प्रभावित पशु के शरीर में ज्यादा गर्मी, बुखार के लक्षण होने पर तत्काल निकटवर्ती पशु चिकित्सक को दिखायें और उनसे प्राप्त परामर्श का पूर्ण रूपेण पालन करें। पशुओं को दिन में एक बार अवश्य स्नान कराएं। सक्षम पशुपालक पशुशाला में स्प्रिंकलर के द्वारा जल का छिड़काव करें एवं पंखों का उपयोग करें, तभी उत्पादन प्राप्त किया जा सकेगा। मुर्गीशाला में पर्याप्त मात्रा में जल एवं राशन की मात्रा रखें। पशु पक्षी को लू लगने पर यदि तेज बुखार एवं अन्य लक्षण दिख रहा हो तो तत्काल जल पिलायें तथा निकटवर्ती पशु चिकित्सक से संपर्क करें। उन्होंने आमजन को सुझाव दिया है कि घर के बाहर छायादार स्थानों पर भी पानी भरकर रख दें, जिससे कि अन्य पशु पक्षी भी पानी पी सकें।
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