भारतीय सभ्यता में संभवतः यह इकलौता फल है जो बिना पके भी उतना ही गुणकारी है जितना पकने पर, जी हां आप समझ गए होंगे हमें गुणों के खजाना आवंले की बात कर रहे हैं। इसके फल पूरा पकने के पहले व्यवहार में आते हैं। वे ग्राही (पेटझरी रोकनेवाले), मूत्रल तथा रक्तशोधक में काफी फायदेमंद हैं। यह भी कहा गया है कि ये अतिसार, प्रमेह, दाह, कँवल, अम्लपित्त, रक्तपित्त, अर्श, बद्धकोष्ठ, वीर्य को दृढ़ और आयु की वृद्धि में सहायक हैं। मेधा, स्मरणशक्ति, स्वास्थ्य, यौवन, तेज, कांति तथा सर्वबलदायक औषधियों में इसे सर्वप्रथम स्थान दिया गया है। इसके पत्तों के क्वाथ से कुल्ला करने पर मुँह के छाले और क्षत पूर्णतः समाप्त होते हैं। सूखे फलों को पानी में रात भर भिगोकर उस पानी से आँख धोने से सूजन में लाभ मिलता है। सूखे फल खूनी अतिसार, आँव, बवासरी और रक्तपित्त में तथा लोहभस्म के साथ लेने पर पांडुरोग और अजीर्ण में लाभदायक माने जाते हैं। आँवला के ताजे फल, उनका रस या इनसे तैयार किया शरबत शीतल, मूत्रल, रेचक तथा अम्लपित्त को नियंत्रित करने वाला कहा गया है। आयुर्वेद के अनुसार यह फल पित्तशामक है और संधिवात में फायदेमंद है। ब्राह्मरसायन तथा च्यवनप्राश, ये दो विशिष्ट रसायन आँवले से ही तैयार किए जाते हैं। प्रथम मनुष्य को निरोगी रखने तथा अवस्थास्थापन में उपयोगी माना जाता है तथा दूसरा भिन्न- भिन्न अनुपानों के साथ भिन्न-भिन्न रोगों, जैसे हृदयरोग, वात, रक्त, मूत्र तथा वीर्यदोष, स्वरक्षय, खाँसी और श्वासरोग में काफी लाभदायक माना जाता है।
आधुनिक अनुसंधानों के अनुसार आँवला में विटॅमिन-सी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है; इतना अधिक मात्रा में होता है कि साधारण रीति से मुरब्बा बनाने में भी सारे विटामिन का नष्ट नहीं हो पाते है। संभवत: आँवले का मुरब्बा इसीलिए विशेष गुणकारी है। आँवले को छाँह में सुखाकर और कूट पीसकर सैनिकों के आहार में उन स्थानों में दिया जाता है जहाँ हरी तरकारियाँ नहीं मिल पाती। आँवले के उस अचार में, जो आग पर नहीं पकाया जाता विटैमिन सी प्राय: पूर्ण रूप से सुरक्षित रह जाता है और यह अचार, विटॅमिन सी की कमी को दूर करने हेतु खाया जा सकता है
एशिया और यूरोप में बड़े पैमाने पर आंवला की खेती होती है। आंवला के फल औषधीय गुणों से युक्त होते हैं, इसलिए इसकी व्यवसायिक खेती किसानों के लिए बेहद लाभदायक होती है।
भारत की जलवायु आंवले की खेती के लिहाज से सबसे उपयुक्त मानी जाती है। (उत्तर प्रदेश का प्रतापगढ़ जनपद आवंले के लिए सुप्रसिद्ध है)। इसके उपरान्त ब्रिटेन, फ्रांस,इटली, स्कॉटलैंड, नॉर्वे आदि देशों में इसकी खेती
सफलतापूर्वक की जाती है। इसके फलों को विकसित होने लिए सूर्य का प्रकाश आवश्यक माना जाता है। हालांकि आंवले को किसी भी मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन काली जलोढ़ मिट्टी को इसके लिए उपयुक्त माना जाता है। अनेकों बार आँवला में फल नहीं लगते जैसी समस्या आती है मगर आवश्यक यह है की जहाँ आँवला का पेड़ हो उसके आसपास दूसरे आँवले का पेड़ होना भी आवश्यक है तभी उसमें फल लगते हैं।
आंवले को बीज के उगाने की अपेक्षा कलम लगाना ज्यादा आसान माना जाता है। कलम पौधा जल्द ही मिट्टी में जड़ जमा लेता है और इसमें शीघ्र फल लगने शुरू हो जाते हैं।
कम्पोस्ट खाद का उपयोग कर भारी मात्रा में फल पाए जा सकते हैं। आंवले के फल विभिन्न आकार के होते हैं। छोटे फल बड़े फल की अपेक्षा ज्यादा तीखे होते हैं।
आंवला के पौधे और फल कोमल प्रकृति के होते हैं, इसलिए इसमें रोग जल्दी पनप जाते हैं। आंवले की व्यवसायिक खेती के दौरान यह ध्यान रखना होता है कि पौधे और फल के संक्रमण को हर हालत में रोका जाए। शुरुआती दिनों में इनमें लगे कीड़ों और उसके लार्वे को हाथ से भी हटाया जा सकता है।
पोटाशियम सल्फाइड कीटाणुओं और फफुंदियों की रोकथाम के लिए विशेष उपयोगी माना जाता है।
आँवला दाह, खाँसी, श्वास रोग, कब्ज, पाण्डु, रक्तपित्त, अरुचि, त्रिदोष, दमा, क्षय, छाती के रोग, हृदय रोग, मूत्र विकार आदि अनेक रोगों को नष्ट करने का सामर्थ्य रखता है। वीर्य को पुष्ट करके पुरूषत्व बढ़ाता है, इसके सेवन से चर्बी घटाकर मोटापा दूर किया जा सकता है। सिर के बालों को काले, लम्बे व घने रखता है। दाँत- मसूड़ों की खराबी दूर होना, कब्ज, रक्त विकार, चर्म रोग, पाचन शक्ति में खराबी, नेत्र ज्योति बढ़ना, बाल मजबूत होना, सिर दर्द दूर होना, चक्कर, नकसीर, रक्त की कमी, बल-वीर्य में कमी, बेवक्त बुढ़ापे के लक्षण प्रकट होना, यकृत की कमजोरी व खराबी, स्वप्नदोष, धातु विकार, हृदय विकार, फेफड़ों की खराबी, श्वास रोग, क्षय, दौर्बल्य, पेट कृमि, उदर विकार, मूत्र विकार आदि अनेक समस्याओं को को दूर करने के लिए आँवला बहुत उपयोगी है। यदि आप फैटी लिवर या पीलिया की समस्या से परेशान हैं तो आंवला के जूस का नित्य सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। आंवले में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट गुण लिवर स्वास्थ को बनाए रखने में आपकी मदद कर सकते हैं।
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