Nov 18, 2022

बस्ती में धर्म गुरुओं के साथ स्वास्थ्य विभाग की बैठक

बस्ती। में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने नियमित टीकाकरण का शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने, टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवारों को टीका लगवाने के लिए प्रेरित करने के लिए धर्मगुरूओं का सहारा लिया है। यूनिसेफ द्वारा एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने धर्म गुरुओं से अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर नियमित टीकाकरण की प्रगति में सहयोग की अपील की।    

             जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि अभी भी कुछ उदासीन परिवार बच्चों का टीकाकरण नहीं करवा रहे हैं। काफी परिवार ऐसे भी हैं, जो समय से टीकाकरण नहीं कराते हैं, जिससे बच्चे का सम्पूर्ण टीकाकरण समय से नहीं हो पा रहा है। ऐसे बच्चों की संख्या काफी है। इन परिवारों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। आज भी लोग धर्म गुरु की बात को सर्वोपरि मानते हैं।   

धार्मिक आयोजनों में नियमित टीकाकरण के महत्व को बताए जाने की जरूरत है। धर्मगुरु मुफ्ती सईद अहमद ने कहा कि तंदरूस्ती अल्लाह की नेमत है। बीमारी होने से पहले ही उसका बचाव बेहद जरूरी है। सरकार की ओर से गम्भीर बीमारियों से बचाव के लिए जो टीके बच्चों को लगवाए जा रहे हैं, वह बेहद जरूरी हैं।  

निशुल्क लगाई जा रही वैक्सीन
जिला मलेरिया अधिकारी व जिला स्वास्थ्य शिक्षा सूचना अधिकारी राजेश कुमार चौधरी ने बताया कि प्रत्येक बुधवार, शनिवार को टीकाकरण सत्र का आयोजन किया जा रहा है। सत्रों के बारे में जानकारी आशा और एएनएम से प्राप्त की जा सकती है। अगर कोई परिवार टीका नहीं लगवा रहा है तो उसे समझाकर टीका लगवाने में धर्मगुरु व संभ्रांत लोग मदद करें। जिला वैक्सीन प्रबंधक हरेंद्र मिश्रा, चाई के जिला समन्वयक मुनेश चौबे ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में बाजार में महंगे दाम पर उपलब्ध वैक्सीन निःशुल्क लगाई जा रही है।  

यह लोग रहे मौजूद
डीसीपीएम दुर्गेश कुमार मल्ल, सचिन चौरसिया, प्रदीप अवस्थी, सईद अहमद, अब्दुल मजीद, राजेश कुमार यादव, जवाहर गोविंद, वीरेंद्र तिवारी, त्रियुगी नारायण, सचिन शुक्ला, विपिन राय, शैलेंद्र प्रताप सिंह, विजय प्रकाश, संतोष सिंह, जावेद अहमद, मो. कमरूद्दीन, शहाबुद्दीन, मो. आरिफ, डॉ. एमएम हक, सै. मोहम्मद ओवैस, अजय कुमार श्रीवास्तव, मो. सिद्दीक अंसारी, नरपति लाल व अन्‍य मौजूद रहे।  

            रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट

No comments: