बिहार में सड़क किनारे पीपल के वृक्ष के नीचे खड़े होकर पूजन- अर्चन कर रहे लोगों को नशे में धुत एक ट्रक ने ड्राइवर ने रौंद दिया। इसमें आठ लोगों की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। मृतकों में 6 बच्चे शामिल हैं। ये सभी लोग पीपल के पेड़ के नीचे खड़े होकर पूजा कर रहे थे। तभी 120 की रफ्तार में अनियंत्रित एक ट्रक आया और लोगों को कुचलते हुए निकल गया। लोगों ने बताया कि अगर पीपल का वृक्ष नहीं होता तो 50 से ज्यादा जानें जातीं।
हादसा रविवार रात करीब 9 बजे सुल्तानपुर गांव के पास हुआ। मरने वालों में सभी की उम्र 20 साल से कम है। घटना के बाद गैस कटर से ट्रक को काटकर शवों को निकाला गया। ज्यादातर बच्चे ट्रक और पेड़ के बीच में फंसे थे। स्थानीय मनोज राय ने बताया कि घटना स्थल पर सड़क किनारे ही देवस्थल है। पीढ़ियों से वहां पूजा हो रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि हादसे के वक्त यहां 60 से ज्यादा लोग मौजूद थे प्रत्यक्षदर्शी अनुज कुमार राय बताते हैं कि नेवतन की पूजा लगभग समाप्त हो चुकी थी। सभी लोग अपने-अपने घर वापस जाने वाले थे कि तभी हाजीपुर से महनार की तरफ जा रहा अनियंत्रित ट्रक लोगों को कुचलता हुआ चला गया। इसके बाद वो पीपल के पेड़ में टकरा गया। अनुज के अनुसार, यदि ट्रक पेड़ में नहीं टकराता तो कम से कम 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो सकती थी।
हादसे में मृतक अनुष्का के दादा राजकुमार ने बताते हैं कि बाबा भुइयां की पूजा से पहले नेवतन का कार्यक्रम चल रहा था। सड़क के किनारे ही पीपल के पेड़ के पास गांव के लोग डाली (पूजन सामग्री) लेकर खड़े थे। इसमें बच्चे, बुजुर्ग, महिला सभी शामिल थीं। शाम साढ़े पांच बजे पूजा शुरू हुई। रात्रि नौ बजे के करीब ये समाप्त होने वाली थी। तभी अचानक से ट्रक आया और यहां खड़े लोगों को कुचल दिया। मेरी आंखों के सामने पोती की मौत हो गई।
मरने वालों में सभी की उम्र 20 से कम मरने वालों की उम्र 8 से 20 साल के बीच है। मृतकों में वर्षा कुमारी (8), सुरुचि (12), अनुष्का (8), शिवानी (8), खुशी (10), चन्दन (20), कोमल (10) और सतीश (17) शामिल हैं।
[प्रधानमंत्री ने भी दुख जताया
PM मोदी ने भी घटना पर दुख जताया। मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए मदद देने की घोषणा की है । घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। उधर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस घटना पर शोक जताया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजन को 5-5 लाख रुपए मदद देने का ऐलान किया। साथ ही घायलों के इलाज के निर्देश दिए।
गांव वालों ने बताया की भुंइया बाबा की पूजा यहां वर्षों से होती आ रही है। भुंइया बाबा की पूजा में धरती की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार धरती ने ही लोगों को जीवन दिया, धरती ही लोगो का जीवन यापन करती हैं। धरती से ही उपज अन्ना फल फूल से जीवन यापन कर रहे हैं। यहां तक कि मरने के बाद भी धरती यानी की मिट्टी में ही लोग समा जाते हैं। कुल मिला कर जीवन से मरण तक आदमी धरती से जुड़ा रहता है। इसी वजह से गांव के लोग धरती यानी भुइयां बाबा की पूजा करते हैं।
No comments:
Post a Comment