दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा आयोजित 5 दिवसीय श्रीहरिकथामृत का श्री गणेश करते हुए साध्वी करूणा भारती ने कहा कि सत्संग, भजन, कीर्तन, कथा, शिव महापुराण, प्रवचन ही वैकुंठ का स्वरूप है। हम जब प्रवचन, ध्यान और जप-तप में रहते हैं, वही हमारा सबसे अच्छा क्षण रहता है। कथा वैकुंठ पहुंचाने का सबसे बड़ा माध्यम है। किसी ने भी वैकुंठ नहीं देखा है। हर मनुष्य को चाहिए कि वह संसार की चाहना नहीं रखे। उस परम के प्रति प्रेम और चाहत रखे। जो ऐसा करता है उसे संसार के पीछे भागना नहीं पड़ता है बल्कि संसार उसके पीछे-पीछे चला आता है। ऐसा व्यक्ति परम धाम की यात्रा आसानी से पूरी कर लेता है।
श्रीहरिकथामृत कथा में ये लोग रहे उपस्थित
श्रीहरिकथामृत कथा के आरम्भ में सदर विधायक महेन्द्रनाथ यादव प्रतिनिधि शैलेन्द्र दूबे, भाजपा नेता पवन कसौधन, चित्रांश क्लब संस्थापक राजेश चित्रगुप्त, दिनेश श्रीवास्तव, पंकज त्रिपाठी आदि ने स्वामी विष्णु प्रकाशनन्द के साथ दीप प्रज्जवलित किया। प्रथम दिन का. केके श्रीवास्तव, प्रीती श्रीवास्तव, रामकृष्ण पाठक, मनीष पाण्डेय, अजय कुमार श्रीवास्तव, गिरीश्वर उपाध्याय, कुलदीप श्रीवास्तव, स्वप्न खरे, बालजी श्रीवास्तव, रतन बाला श्रीवास्तव, प्रियंका सिंह, सरिता शुक्ल, प्रतिभा, अरूणिमा खरे, स्वामी अर्जुनानन्द, गिरीश्वर उपाध्याय, रीतेश श्रीवास्तव सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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