बस्ती जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विक्रमजोत पर सड़क हादसे में घायल रामसजन नाम के एक व्यक्ति को इलाज के लिए परिजन स्ट्रेचर पर लादकर सीएचसी विक्रमजोत पहुंचे और उसे इलाज के लिए अस्पताल के अंदर ले गए, तो वहां मौजूद अस्पताल के चिकित्सक ने मरीज को यह कहते हुए बाहर कर दिया कि यहां अंधेरा है। और अंधेरे में इलाज करवाना संभव नहीं है। इसलिए बाहर चलिए, ताकि बाहर उजाले में इलाज हो सके। काफी देर तक घायल राम सज्जन स्ट्रेचर पर लेट कर खुले आसमान के नीचे पड़ा था।
डॉक्टर खुले आसमान के नीचे उसका इलाज कर रहे थे। जिस जगह पर स्ट्रेचर खड़ा कर उसका इलाज हो रहा था। वहां आसपास साफ सफाई व्यवस्था ठीक नहीं थी। पूरे मामले की किसी ने फोटो खींचकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लिए सिरदर्द बन गया। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो सीएचसी पर लाइट कट जाने के बाद रात में अंधेरा हो जाता है। वादों में इनवर्टर की सप्लाई ना होने के चलते यहां आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इसके चलते यहां कई बार लाइट को लेकर विवाद भी हो चुका है, लेकिन फिर भी जिम्मेदार हाईवे पर स्थित इस अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरपी मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में बिजली की कोई समस्या नहीं है। फिर भी सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों (फ़ोटो) का संज्ञान लेकर जांच कराने के लिए टीम गठित कर दिया गया है।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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