ग्राम प्रधान ने बताया कि आस-पास के क्षेत्र में बहुत सारे जानवर खुले में घूमते हैं परंतु जब इनको पकड़कर के यहां लाया जाता है, तो रास्ते में ग्रामीण रोक लेते हैं। उन्होंने देखा कि मुख्य टीन-शेड जगह-जगह से टूट गई है, जबकि इसको बने हुए अभी साल भर हुआ है। सीवीओ ने बताया कि पिछले साल आंधी में भूसा घर की छत उड़ गई थी। बार-बार कहने के बावजूद कार्यदाई संस्था पैक्सफेड ने इसे नहीं बनाया। उन्होंने इसको अपने विभागीय धनराशि से बनवाया है। नाद भी कई जगह से टूटा मिला है।
गौशाला के अंदर काफी जमीन खाली पड़ी हुई है लेकिन किसी प्रकार की घास की बुवाई नहीं हुई है। जबकि पूर्व मे तय हुआ था कि पशुओं के चारे के रुप में नैपियर घास सभी गोशालाओं में लगायी जायेगी। बाउंड्रीवॉल के निर्माण की गुणवत्ता ठीक नहीं है और बरसात के दिनों में बाहर का पानी गौशाला में भर जाता है। डीएम ने बीडीओ एसपी सिंह को क्षेत्र पंचायत निधि से आवश्यक कार्य कराने के साथ ही यहां नियमित भ्रमण करने का निर्देश दिया। इस दौरान एसडीएम हर्रैया गुलाबचंद, सीवीओ डॉ. अश्वनी तिवारी, ग्राम प्रधान नीलम आदि मौजूद रहे।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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