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Sep 13, 2022

श्मशान में बन रहा वाटर ओवरहेड टैंक, ग्रामीण नाराज

बस्ती । जिले के रूधौली तहसील के कथकपुरवा गांव के लोगों ने श्मशान की भूमि पर जल जीवन मिशन के तहत बन रहे वाटर ओवरहेड टैंक के निर्माण पर आपत्ति जताई है। जेसीबी से खुदाई के दौरान अपने पूर्वजों व करीबीयों का अवशेष बाहर निकलने वह काफी आहत हैं। उनका कहना है कि इस बात को वह डीएम से लेकर सीएम तक गुहार लगा चुके हैं। निर्माण रुकवाने की मांग की है। लेकिन स्थानीय प्रशासन जबरन वहां पर निर्माण करा रहा है।

कथकपुरवा गांव निवासी उमेश कुमार श्रीवास्तव, ध्रुवचंद, सोनमती, परशुराम, सुनीता देवी, संजय कुमार, अनिल कुमार, चंद्रभान, प्रेमदास और सतीश चंद्र आदि के मुताबिक गाटा संख्या 358 और 359 सरकारी दस्तावेजों में श्मशान के नाम से दर्ज है। लेकिन गाटा संख्या 359 पर गांव के ही मो. इसहाक और मो. युसुफ वर्षों से अवैध कब्जा कर धान-गेहूं की फसल उगाते हैं। 11 अगस्त 2022 को तहसीलदार द्वारा की गई जांच में भी अवैध कब्जे की पुष्टि हुई। दोनों कब्जेदारों से जमीन को खाली कराने को कहा गया। जो अभी तक नहीं हटा। 
         ग्रामीणों के मुताबिक आधे श्मशासन पर अवैध कब्जा होने के चलते वह लोग बगल में ही स्थित गाटा संख्या 411 बंजर की जमीन पर अपनों का दाह-संस्कार (दफन) करते हैं। रुधौली प्रशासन अब उसी श्मशान की भूमि पर वाटर ओवरहेड टैंक बनवा रहा है। पहली सितम्बर को जेसीबी से खुदाई के दौरान अपने पुरखों और करीबीयों की हड्डी आदि बाहर निकलते देख ग्रामीण आक्रोशित हो गए। आपत्ति जताते हुए वहीं बगल में स्थित पांच बीघा अन्य बंजर की जमीन पर निर्माण कराने को कहा। एसडीएम आनंद कुमार श्रीनेत ने निर्माण कार्य रुकवाते हुए ग्राम प्रधान असलम खान को अन्यत्र जमीन खोजने की बात कही थी।    

ग्रामीणों का आरोप है कि अब फिर रुधौली प्रशासन श्मशान की जमीन पर ही निर्माण कार्य करा रहा है। उन्होंने इस बात को मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय (गोरखनाथ मन्दिर) में 19 अगस्त 2022 को जनता दर्शन के दौरान गुहार लगाई थी। वहां से भी फोन कर श्मशान को छोड़ अन्यत्र कहीं निर्माण कराने को कहा गया था लेकिन मौके पर आदेश/ निर्देश का कोई पालन नहीं होते देख ग्रामीण दुखी हैं।    

वहीं एसडीएम रुधौली का कहना है   
            पानी की टंकी का निर्माण शमशान की जमीन में नहीं हो रहा है। गाटा संख्या 411 में ओवरहेड टैंक जलजीवन मिशन के अन्तर्गत बनाया जा रहा है। वो अभिलेखों में स्पष्ट रुप से बंजर के रुप में दर्ज है। खुदाई के दौरान कहीं कोई अवशेष नहीं निकला है।      

            रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट

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