Sep 25, 2022

भ्रष्टाचार की बदौलत समिति में की गई आंकिक की नियुक्ति प्रबन्ध समिति द्वारा प्रस्तावित आंकिक को नहीं करने दिया जा रहा है कार्य

 भ्रष्टाचार की बदौलत समिति में की गई आंकिक की नियुक्ति

प्रबन्ध समिति द्वारा प्रस्तावित आंकिक को नहीं करने दिया जा रहा है कार्य

सहायक निबन्धक सहकारिता पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप

बहराइच। समिति में आंकिक की तैनाती भ्रष्टाचार की बदौलत उच्चाधिकारियों की मेहरबानी से कर दी गई है। जबकि उक्त आंकिक पूर्व में एक अन्य समिति का उपाध्यक्ष भी रह चुका है। उन पर सहायक विकास अधिकारी सहकारिता का रहमोकरम है। जबकि प्रबन्ध समिति द्वारा प्रस्तावित सचिव को कार्य नहीं करने दिया जा रहा है। मामले में अध्यक्ष द्वारा जिलाधिकारी को शिकायत कर कार्रवाई की मांग की गई है। मामला विकास खण्ड फखरपुर अन्तर्गत साधन सहकारी समिति लि.माधवपुर का है। जहा समिति की अध्यक्ष कृष्णावती ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर सहायक विकास अधिकारी सहकारिता निरंजन प्रकाश के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है। अध्यक्ष का आरोप है कि अचोलिया निवासी हरिशंकर सिंह पुत्र सर्वजीत सिंह की 2012 में आंकिक के पद पर नियुक्ति कर दी गई है। जबकि पहले से ही संगीता सिंह पत्नी सतीश कुमार सिंह 2010 से कार्यरत है। हरिशंकर सिंह 2013 व 2018 में साधन सहकारी समिति लीलापुरवा में उपाध्यक्ष भी रह चुके है। 2019-20 में डीसीडीएफ का गेहू भी अचोलिया में क्रय किया है। वहीं अपर जिला सहकारी अधिकारी कैसरगंज निरंजन प्रकाश पर भी आरोप है कि वे अपने पावर व पैसे की बदौलत जनपद बहराइच में बीते 14 वर्षाें से जमे हुए है। स्थानान्तरण के बाद भी वह अपना स्थानान्तरण निरस्त करवा लेते है। अध्यक्ष कृष्णावती ने बताया कि वर्तमान समय में माधवपुर सहाकारी समिति का अतिरिक्त प्रभार सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता जितेन्द्र सिंह को दे दिया गया है। जो कि हरिशंकर सिंह के भाई है। उनके पास पहले से चार समितियों का अतिरिक्त प्रभार है। जिससे माधवपुर समिति पर हमेशा ताला ही लगा रहता है। ऐसे में समिति द्वारा बीते 9 सितम्बर को प्रबन्ध समिति की बैठक की गई थी। जिसमें पूर्व से नियुक्ति आंकिक संगीता सिंह को नियमित सचिव की व्यवस्था न होने तक प्रस्ताव पास कर समस्त कार्यों को करने के लिए अधिकृत किया गया है पर उच्चाधिकारियों की लापरवाही के चलते कोई कार्रवाई नहीं की गई और समिति द्वारा प्रस्तावित संगीता सिंह को कार्य भी नहीं करने दिया जा रहा है। अध्यक्ष द्वारा जिलाधिकारी से मांग की गई है कि प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाये। ताकि किसानों को सरकार द्वारा चलायी जा रही महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ मिल सके।

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