बता दें कि निषाद आरक्षण की मांग को लेकर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संजय निषाद की अगुवाई में चक्का जाम आंदोलन और ट्रेन रोकी गई थी। 2015 में हुए इस आंदोलन के दौरान कसरवल में काफी बवाल हुआ था। इस घटना में इटावा जिले से आए 21 वर्षीय अखिलेश निषाद की गोली लगने से मौत हो गई थी।
आंदोलन में शामिल रहे और पुलिस की गोली से घायल सुजीत कुमार ने दुर्व्यवहार और गाड़ियां फूंकने के आरोप में सहजनवा के तत्कालीन थानाध्यक्ष श्यामलाल यादव और अन्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिसवालों के कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर कोर्ट ने श्यामलाल, खोराबार के तत्कालीन थानाध्यक्ष रामपाल यादव, राजघाट के तत्कालीन थानाध्यक्ष राजीव सिंह, सहजनवा थाने के सिपाही रहे पूर्णवासी और जनार्दन यादव के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया है।
कसरवल कांड में डा. संजय निषाद और उनके कई समर्थकों को जेल जाना पड़ा था। आंदोलन कर रहे लोगों पर गोली किसने चलाई यह उत्तर आज भी अनुत्तरित है। इस मामले में आंदोलनकारी पुलिस पर आरोप लगाते हैं और पुलिस आंदोलनकारियों पर।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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