Sep 12, 2022

नवम्‍बर में हो सकते हैं यूपी निकाय चुनाव, 20 लाख डिजिटल कार्यकर्ता करेंगे पुलिस की मदद

उत्‍तर प्रदेश में इस साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस चुनाव में स्थानीय स्तर पर खींच-तान होने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है। इस कारण पुलिस अपने ‘सी-प्लान’ एप से जुड़े ‘डिजिटल वॉलेंटियर्स’ की संख्या 20 लाख तक बढ़ाने में भी जुटी है।   

          वर्ष 2017 में सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी गांवों-मोहल्लों के संभ्रांत नागरिकों और ओपिनियन लीडर्स को चिह्नित करने और उन्हें पुलिस के डाटा बेस से ऑनलाइन जोड़ने की कल्पना की थी। करीब दो वर्ष बाद मुख्यमंत्री ने ‘सी-प्लान’ ऐप को लॉन्च किया था। आज इस ऐप के जरिए पुलिस के पास करीब 15 लाख ‘डिजिटल वॉलेंटियर्स’ की फौज खड़ी हो चुकी है।

इसके साथ ही पिछले चुनाव के अनुभवों के आधार पर पुलिस बल की जरूरत का आकलन भी किया जा रहा है। साथ ही संवेदनशील मतदान केंद्रों की समीक्षा भी की जा रही है। प्रदेश में इस बार 17 नगर निगमों में महापौर तथा पार्षदों के साथ ही 200 नगर पालिका परिषदों और 535 नगर पंचायतों में चेयरमैन के साथ सभासदों का चुनाव होना है। वार्डों की राजनीति में हिंसा और उपद्रव की आशंका सबसे ज्यादा रहती है, ऐसे में सुरक्षा तैयारियों के साथ ही डिजिटल वॉलेंटियर्स की भी अहम भूमिका होगी।      

20 लाख डिजिटल वॉलेंटियर्स का लक्ष्य प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार सी-प्लान ऐप के जरिए इस साल के अंत तक 20 लाख डिजिटल वॉलेंटियर्स को जोड़ने का लक्ष्य है।

स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए हर मोहल्ले से 10-10 संभ्रांत लोगों के नाम और नंबर अपडेट किए जा रहे हैं। यह एप कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत आमजन से सीधा संवाद स्थापित करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में जनता की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से बनाया गया है। एप का संचालन लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय से होता है। इसे डीजीपी के कंट्रोल रूम और यूपी-112 के कंट्रोल रूम से भी जोड़ा गया है।    
प्रदेश के हर इलाके से जुड़े डिजिटल वॉलेंटियर्स अपने अपने क्षेत्र की संवेदनशील गतिविधियों और स्थानीय स्तर पर पांव पसार रही अफवाहों के बारे में तत्काल पुलिस विभाग को सूचित करते हैं, जिससे किसी भी प्रकार की हिंसा और अपराध को समय रहते काबू प्राप्त करने में काफी मदद मिलती है।    
ये ऐसे लोग होते हैं जो किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में पुलिस के मददगार बनकर समाज में शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए तत्पर रहते हैं। पुलिस मुख्यालय से भी इन डिजिटल वॉलेंटियर्स से आसानी से संपर्क स्थापित किया जा सकता है। साथ ही थाना स्तर पर इन डिजिटल वॉलेंटियर्स का वाट्सएप ग्रुप भी सक्रिय रहता है।    

             रुधौली बस्ती से अजय पांडे पांडे की रिपोर्ट

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