एक सप्ताह पहले कलेक्ट्रेट के एक कर्मी के द्वारा रिश्वत लेने का वीडियो वायरल होने के बाद यह माना जा रहा था कि डीएम ऑफिस में लंबे समय से जमे बाबुओं को बदल दिया जाएगा। लिपिकों का पटल बदलने का खाका भी उसी दिन खींच दिया गया था। शिकायतों के केंद्रबिंदु में रहने वाले बाबू इस कार्रवाई के बाद खासे परेशान हैं। मंगलवार को कलेक्ट्रेट खुलते ही एडीएम के आदेश पर पटल परिवर्तन आदेश जारी कर दिया गया।
कलेक्ट्रेट, एडीएम कार्यालय व तहसीलों में काम करने वाले लिपिकों को नियमानुसार तीन से पांच वर्ष में पटल बदलने का प्रावधान है। लेकिन जिले में लंबे समय से पटल परिवर्तन नहीं हुआ था। लिपिक अपने पटल पर एकाधिकार रखते थे। डीएम ने नियमानुसार पटलों के बदलाव के निर्देश दिए थे। उसी क्रम में पटल परिवर्तन पत्रावली तैयार कर डीएम की सहमति के बाद 31 बाबूओं को इधर-उधर कर दिया गया।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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