Oct 1, 2019

पुलिस स्मृति दिवस पर हो सकती हैं मनचाही घोषणाएं, नियमों में बदलाव की संभावना।


अर्जित अवकाश न लेने पर उसका समुचित भुगतान किये जाने , सरकारी कार्यो से आने जाने पर बसों  ट्रेनों में किराया समाप्त किये जाने व पड़ोसी जनपदों में तैनाती सम्बन्धी अराजपत्रित पुलिसकर्मियों  की लंबित मांग अब रंग लाती दिख रही है, इस मुद्दे पर शासन स्तर पर भी सुगबुगाहट शुरू हो गयी है,बताते चलें कि करीब दो दशक पूर्व अर्जितअवकाश न लेने पर उसका पैसा दिया जाता था, जिसे बाद में बंद कर दिया गया था , एक बार फिर पुलिस कर्मियों द्वारा पुरानी व्यवस्था लागू करने की मांग तेज हो गयी है। 


बताया जाता है कि,गृह जनपद से दूर तैनाती होने पर पारिवारिक दबावो के चलते पुलिस कर्मियों के नौकरी छोड़ने, सहित अन्य छोटे छोटे मामलों की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर  अक्सर होती रहती है,इन सभी मुद्दों पर डीजीपी ओपी सिंह द्वारा अपने मातहतों से रिपोर्ट मांगी गयी थी, जिसपर कन्नौज के पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र प्रसाद सिंह सहित करीब 74 पुलिस अधीक्षकों ने अपनी सहमति जताते हुये अपनी रिपोर्ट भेजकर अपना समर्थन व्यक्त किया है। वहीं जनपद सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक ने पुलिस महादिदेशक को भेजे गये पत्र में अधीनस्थों के गृह जनपद में तैनाती का मजबूत पक्ष रखते हुये कहा गया है,कि पुलिस आरक्षियों की गृह जनपद में तैनाती से जहाँ एक ओर उनके सामाजिक व भौगोलिक क्षेत्र की जानकारी से अपराधियों को चिन्हित करने में मदद मिलेगी , वहीं दूसरी ओर परिवार से दूर रहने से उत्तपन्न होने वाले कुप्रभाव से भी उन्हें बचाया जा सकता है।  सब ठीक ठीक रहा तो आगामी 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिस कर्मियों को बड़ी सौगात मिल सकती है

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