मैनपुरी - जहाँ एक तरफ सरकार चाँद पर पहुँचकर वहाँ अपना झण्डा गाड़ने की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पताल व अस्पताल प्रशासन कर्तव्यहीन व संवेदनहीन होता जा रहा है,प्राप्त जानकारी के अनुसार वाक्या प्रसवपीड़ा ग्रस्त एक गरीब महिला का है, अस्पताल का हाल देखिए एक गरीब व्यक्ति प्रसव पीड़ा से परेसान पत्नी को जब डिलेवरी के लिये अस्पताल में भर्ती कराने पहुंचा तो प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला को डाक्टरों ने भर्ती नहीं किया बल्कि व्यक्ति के भोलेपन का फायदा उठाते हुये उसे अस्पताल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसी के बाद अस्पताल के गेट के बाहर ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया।
सबसे बड़ी शर्मनाक की बात ये है कि प्रसव होने के बाद भी कोई भी नर्स न ही महिला की मदद करने आयी और न ही नवजात शिशु की स्थिति को आकर देखा, इस दौरान नवजात बच्चा करीब आधा घण्टे तक वहीं जमीन पर ही पड़ा रोदन करता रहा।

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