वन्य जीव सक्रियता क्षेत्र को 04 सेक्टरों में बांट कर की जा रही है निगरानी
विशेषज्ञों के साथ-साथ कैमरों से की जा रही है मदद
बहराइच । वन प्रभाग, बहराइच के कैसरगंज रेंज अन्तर्गत तहसील कैसरगंज एवं महसी के ग्रामों में अज्ञात वन्य जीव द्वारा किये गये हमले के दृष्टिगत नियंत्रण/शमन की कार्यवाही के दृष्टिगत हिंसक वन्य जीव के सक्रियता/प्रभावित क्षेत्रों को 04 सेक्टरों में विभाजित कर अधिकारियों द्वारा दिवारात्रि में गश्त कर प्रभावित क्षेत्र को निगरानी में रखा गया तथा क्षेत्र में तैनात समस्त टीमों द्वारा सेक्टर प्रभारियों की देख-रेख रणनीति के तहत रेस्क्यू कार्यवाही का संचालन किया जा रहा है। डीएफओ श्री यादव ने बताया कि वन विभाग द्वारा 17/18 सितम्बर को तहसील कैसरगंज व महसी के अज्ञात वन्य जीव आतंक प्रभावित क्षेत्र के सभी 04 सेक्टरों में वन्य जीव को खोजने/रेस्क्यू के उद्देश्य से सेक्टर प्रभारियों की अगुवाई में विशेषज्ञ टीम द्वारा 02 थर्मल ड्रोन कैमरे तथा गश्ती दलों द्वारा वन्य जीव को खोजने की कार्यवाही की गयी। गश्ती दलों द्वारा संवेदनशील स्थलों पर 05 कैमरा ट्रैपस को स्थापित कर उपद्रवी वन्य जीव के आवागमन को खोजने की कार्यवाही की गयी। डीएफओं ने बताया कि मंगलवार को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव), उत्तर प्रदेश द्वारा हिंसक वन्य जीव सक्रियता वाले क्षेत्रों में की जा रही कार्यवाहियों की समीक्षा करते हुए मानव-वन्य जीव संघर्ष पर प्रभावी नियंत्रण हेतु आवश्यक निर्देश दिये गये हैं। डीएफओ ने बताया कि वन्य जीव के हमले से प्रभावित ग्रामों में 15 सोलर सीसीटीवी कैमरे स्थापित किये गये हैं। ताकि वन्य जीव की पहचान सुनिश्चित करते हुए उसे सुरक्षित रेस्क्यू किया जा सके। इसके अलावा वन्य जीव संभावित स्थानों पर 03 ट्रैपिंग केज लगाये गये हैं ताकि अज्ञात वन्य जीव को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा सके। गश्ती टीमों द्वारा पैदल चलकर सक्रिय वन्य जीव को चिन्हित किये जाने एवं पगमार्क खोजने की भी कार्यवाही की जा रही है। श्री यादव ने बताया कि जन जागरूता टीमों द्वारा स्थानीय ग्रामीणजनों को हिंसक वन्य जीवों से बचाव हेतु पम्पलेट, लाउडस्पीकर एवं समूह बनाकर हिंसक वन्य जीव से बचाव हेतु लगातार जागरूक किया जा रहा है तथा प्रभावित क्षेत्र के ग्रामवासियों को रात्रि में अपने घरों के अन्दर दरवाजा बन्द करके स्वयं एवं बच्चों को सुरक्षित सुलाने हेतु आग्रह किया जा रहा है।डीएफओ ने बताया कि गश्ती टीमों द्वारा वन्य जीव के हमलों से प्रभावित ग्राम के बाहरी क्षेत्रों में पटाखों को दगाकर वन्य जीव को आबादी से दूर रखने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रभाग स्तर पर कमांड सेंटर स्थापित किया गया है जो वन्य जीव सक्रियता क्षेत्रों में तैनात टीमों से सूचनाएं प्राप्त कर अधिकारियों को अवगत करा रही हैं। वन विभाग, पुलिस विभाग एवं जिला प्रशासन के बीच आपसी समन्वय स्थापित करते हुए हिंसक जीव के हमले से प्रभावित क्षेत्र में दिवारात्रि गश्त की जा रही है जिससे कोई भी अप्रिय घटना घटित नहीं होने पायी है।
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