कोई भी सूचना प्राप्त होने पर उसकी सत्यता की पुष्टि के पश्चात ही पुलिस विभाग अथवा अन्य सम्बन्धित विभाग को दें सूचना
झूठी एवं फर्जी सूचना देने वाले व उनका सहयोग करने वालों पर होगी सख्त कार्यवाही: पुलिस अधीक्षक
गोण्डा - पुलिस की जांच में चोरी की सूचना झूठी एवं फर्जी पाई गई। पहली सूचना वादिनी श्रीमती सुग़राबानो पत्नी रमजान अली नि० खानपुर गोरथनिया थाना वजीरगंज जनपद गोण्डा द्वारा आज दिनांक 18.09.2025 को यूपी 112 पर सूचना दी गई की दिनांक 16.09.25 को चोरों द्वारा उसके घर में घुसकर गहने व नगदी चोरी कर ली गई है। इस सूचना पर क्षेत्राधिकारी तरबगंज व थानाध्यक्ष वजीरगंज मय पुलिस बल के तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर घटना की जांच की गई तो घटना संदिग्ध प्रतीत हुई, पुलिस बल द्वारा जब वादिनी के मोबाइल की जाँच की तो उसमें एक ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग मिली जिसमें वह अपने पति को यह बता रही है कि "तुम तनाव मत लेना मैंने पैसे व गहने अपनी मां को दे दिए हैं तथा उन गहनों को वह किसी दुकान से बदलवा लेंगे।" ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर सुगरा बानो के विरुद्ध झूठी सूचना देने के संबंध में आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।
वहीं दूसरी सूचना दिनांक 17.09.2025 को प्रथम पक्ष अरुण निषाद पुत्र देवी निषाद नि0 बहुवन मदार माझा थाना परसपुर जनपद गोण्डा चांदी का कुछ सामान बेचने चौकी पसका क्षेत्र में ज्वैलर्स की दुकान पर गया था, चांदी को चेक कराया तो ज्वैलर्स आकाश सोनी पुत्र कालिका सोनी नि0 वृन्दावन खैरा थाना परसपुर जनपद गोण्डा ने गहने अपने पास रखकर अरुण को बताया कि ये गहने चांदी के नहीं हैं बल्कि नकली हैं, और ज्वैलर्स ने हल्ला कर दिया कि अरुण चोर है, जिसके बाद मार्केट में लोग इकठ्ठा हो गए और पुलिस को सूचना दी गई, पुलिस द्वारा मौके पर पहुँचकर अरुण को चौकी पर ले गयी । घटना की जाँच की गई कि उक्त चाँदी का सामान अरुण निषाद का ही है या नहीं, तो ज्ञात हुआ कि चाँदी का उक्त सामान शिव कुमार निषाद पुत्र मंगल नि0 बिहारी बैसपुरवा बहुवन मदार माझा थाना परसपुर का है जो शिवकुमार से लेकर अरुण उक्त ज्वैलर्स के यहाँ गिरवी रखने गया था । घटना के सम्बन्ध में दोनो पक्षों द्वारा कोई पुलिस कार्यवाही नहीं करने के सम्बन्ध में लिखित निवेदन किया गया। तथा द्वितीय पक्ष आकाश सोनी द्वारा प्रथम पक्ष अरुण निषाद का सामान वापस कराया गया ।
झूठी सूचना देना न केवल सामाजिक व्यवस्था को बाधित करता है, बल्कि इससे सार्वजनिक संसाधनों का अनावश्यक दुरुपयोग होता है एवं जनमानस में भय या भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है । अतः सभी नागरिकों से आग्रह है कि कोई भी सूचना प्राप्त होने पर उसकी सत्यता की पुष्टि के पश्चात ही पुलिस विभाग अथवा अन्य सम्बन्धित कार्यालय को सूचित करें । झूठी, भ्रामक अथवा निराधार शिकायत/सूचना देने वालों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसकी सजा छह माह से दो वर्ष तक का कारावास एवं पांच हजार रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनो हो सकते हैं ।
पुलिस विभाग जनसामान्य को आश्वस्त करता है कि शांति, सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कृतसंकल्पित है । किसी भी असत्य सूचना को कतई प्रोत्साहित नहीं किया जायेगा।
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