गोण्डा 16 जुलाई
जनपद के टाउन हॉल में कृषि विभाग द्वारा जनपद स्तरीय खरीफ गोष्ठी एवं जैविक मेले का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती अंकिता जैन द्वारा किया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने कृषकों का आह्वान किया कि वे कृषि एवं संबंधित विभागों द्वारा संचालित योजनाओं का बढ़-चढ़कर लाभ उठाएं तथा कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बताई जाने वाली उन्नत तकनीक का अनुप्रयोग करके अपने कृषि उत्पादन में वृद्धि करें। अपने उद्बोधन में उन्होंने कृषकों का आह्वान किया कि वह अन्य प्रगतिशील कृषकों का अनुकरण करके कृषि एवं संबंधित कार्यों से अधिक से अधिक उत्पादन करके अपनी आय में वृद्धि करें।
उप कृषि निदेशक प्रेम कुमार ठाकुर द्वारा प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने बताया कि खरीफ 2025 में धान के 124173 हेक्टेयर आच्छादन लक्ष्य के सापेक्ष 93606 हेक्टेयर की पूर्ति कर ली गई है तथा धान के कुल 7405 कुंतल बीज वितरण लक्ष्य के सापेक्ष कुल 7443 कुंतल बीज वितरित किया गया है। इसी प्रकार मक्का में 45583 हेक्टेयर साधन के लक्ष्य के सापेक्ष 22831 हेक्टेयर आच्छादन की पूर्ति कर ली गई है।
उन्होंने बताया कि बीज गुणवत्ता नियंत्रण हेतु खरीफ 2025 में कुल 236 विक्रेताओं के यहां छापे मारे गए तथा 97 नमूने गृहीत किए गए हैं जिसमें से 66 नमूनों का विश्लेषण किया गया और कुल तीन नमूने मानक के विपरीत पाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता जनपद में सुनिश्चित की गई है। यूरिया के कुल 66701 मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष बिक्री केंद्रों पर 51673 मीट्रिक टन और बफर स्टॉक के रूप में 1829 मी टन यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है जिसमें से 30555 मी टन का वितरण किया जा चुका है। डीएपी के 7957 में ट्रैक्टर लक्ष्य के सापेक्ष बिक्री केंद्रों पर 7208 मीटर तथा बफर स्टॉक के रूप में 700 मी टन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है जिसमें से 3968 मी टन डीएपी वितरित की जा चुकी है।
उप कृषि निदेशक ने बताया कि उर्वरक नियंत्रण आदेश के अंतर्गत की गई प्रवर्तन कार्रवाई में कुल 306 छापे मारे गए और कुल 30 नमूने ग्रहीत किए गए जिसमें से एक के उर्वरक प्राधिकार पत्र निरस्तीकरण, 19 के उर्वरक प्राधिकार पत्र निलंबिकरण, 20 को कारण बताओं नोटिस, दो को चेतावनी, एक विक्रय केंद्र को सील किए जाने तथा एक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्यवाही की गई है।
उन्होंने बताया कि 2025- 26 में व्यावसायिक बैंकों द्वारा अब तक कुल 9310 नए केसीसी जारी किए गए हैं तथा 21585 केसीसी का नवीनीकरण किया गया है। उप कृषि निदेशक ने किसानों को कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी प्रदान की जिसमें से सोलर पंपों पर अनुमन्य अनुदान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं परंपरागत कृषि विकास योजनाएं सम्मिलित हैं।
उप निदेशक रेशम आर एन मल्ल ने रेशम विभाग द्वारा कृषकों को प्रदान की जा रही सुविधाओं के विषय में प्रकाश डाला।
भूमि संरक्षण अधिकारी पारसराम ने विभाग द्वारा संचालित खेत तालाब योजना पर कृषकों को जानकारी दी गई। जिला उद्यान अधिकारी रश्मि शर्मा ने उद्यान विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के विषय में अवगत कराया। जिला गन्ना अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने गन्ना विभाग की योजनाएं तथा उन्नत गन्ना उत्पादन तकनीक के विषय में कृषकों को जानकारी दी।
सहायक निदेशक मृदा परीक्षण डॉ० एस एस चौधरी ने किसानों को मृदा नमूना ग्रहीत करने की तकनीक के विषय में जानकारी दी गई। कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ एस के वर्मा ने और औद्यानिक फसलों के उत्पादन तकनीक के विषय में कृषकों को जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर के वैज्ञानिक डॉ ज्ञानदीप गुप्ता ने मत्स्य उत्पादन तकनीक के विषय में किसानों को जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र गोपाल ग्राम की वैज्ञानिक डॉ ममता त्रिपाठी ने मानव पोषण के महत्व के विषय में जानकारी दी।
अपर जिला कृषि अधिकारी महेश गुप्ता ने कृषि विभाग द्वारा संचालित योजना के विषय में किसानों को अवगत कराया। विकासखंड छपिया के युवा मशरूम उत्पादक एवं ट्रेनर ऋषभ त्रिपाठी ने मशरूम उत्पादन तकनीक के विषय में कृषकों को जानकारी प्रदान की। प्रगतिशील कृषक रवि शंकर सिंह ने कृषक उत्पादक संगठनों के गठन की प्रक्रिया एवं इससे होने वाले फायदे के विषय में किसानों को जानकारी दी। आयोजन के अवसर पर कृषि विभाग से सेवानिवृत वरिष्ठ तकनीकी कर्मचारी सिंहासन प्रसाद शर्मा, प्रगतिशील कृषक रवि शंकर सिंह, शिव कुमार मौर्य, शुक्ला प्रसाद शुक्ला, सूर्य प्रसाद शुक्ला एवं जय प्रकाश तिवारी को मुख्य विकास अधिकारी द्वारा अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। अंत में उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी डॉ एस एस चौधरी द्वारा सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आयोजन के समापन की घोषणा की गई।
आयोजन के अवसर पर परिसर में विभिन्न विभागों एवं प्रतिष्ठानों द्वारा अपने स्टाल भी लगाए गए जहां पहुंचकर कृषकों ने उपयोगी जानकारी प्राप्त की।
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