Jan 21, 2024

सरकारी स्कूलों से निकलेंगे सॉफ्टवेयर इंजीनियर, छात्रों को एडवांस बनाने के लिए एआई व कोडिंग पढ़ाने की होगी शुरुआत

 बेसिक स्कूलों में जूनियर कक्षा के बच्चे सीखेंगे डेटा साइंस व कम्प्यूटेशनल थिंकिंग, पढ़ाने को पाठ्य पुस्तक में हुआ बदलाव


बहराइच, उत्तर प्रदेश के बेसिक स्कूलों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की तैयारी में प्रदेश की सरकार गम्भीर है और इसके लिए बच्चों को उच्च प्राथमिक स्तर से ही डिजिटल साक्षरता, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कोडिंग व डेटा साइंस की पढ़ाई को उनके विज्ञान विषय में शामिल किया गया है।

प्रदेश की योगी सरकार के द्वारा परिषदीय विद्यालयों के भौतिक कायाकल्प के साथ ही सरकारी स्कूलों में बच्चो को आधुनिक डिजिटल शिक्षा दिलाने के प्रयास है जारी हैं। विभाग की भी मंशा है कि आठवी पास कर बच्चा जब दसवीं और इंटर की शिक्षा ग्रहण करे तो तकनीकी शिक्षा में खुद को पिछड़ा न महसूस करें। ऐसे में विभाग ने परिषदीय विद्यालयों और केजीबीवी की छात्राओं को कोडिंग सिखाने की योजना बनाई गयी। प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप एचसीएल फाउंडेशन व राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद द्वारा विकसित पायलट प्रोजेक्ट की गत वर्ष सफलता के पश्चात अब नये सत्र से इसे पूरे प्रदेश के स्कूलों में लागू किया जाएगा।एचसीएल फाउंडेशन व एससीआरटी द्वारा लखनऊ स्थित एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव स्टाफ ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में 15 से 19 जनवरी तक पांच दिवसीय प्रशिक्षण में बहराइच समेत 18 जनपदों को बतौर मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। राज्य स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली टीम में शामिल जिले से डायट प्रवक्ता संगीता, एआरपी विजय सरोज, सुनील परिहार तथा विज्ञान शिक्षक लोकेश श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रामीण परिवेश के छात्रों को ध्यान में रखकर बेहद सरल भाषा में प्रशिक्षण तैयार किया गया है। प्रशिक्षण के उपरांत शिक्षक कक्षा में बच्चों को कम्प्यूटर के प्रायोगिक ज्ञान के साथ ही उन्हें प्रोग्रामिंग, कोडिंग व अन्य तकनीकी ज्ञान की शिक्षा देंगे।

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