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Jan 21, 2023

जिलाधिकारी के आश्वासन पर चूल्हा बंदी आन्दोलन स्थगित, जंग हिंदुस्तानी

 जिलाधिकारी के आश्वासन पर चूल्हा बंदी आन्दोलन स्थगित, जंग हिंदुस्तानी

बहराइच:- कलेक्ट्रेट स्थित जिला अधिकारी कार्यालय में जिला अधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र से मुलाकात के बाद वन अधिकार आंदोलन के संस्थापक और कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने बताया कि जिलाधिकारी ने उनकी पूरी बातों को ध्यान से सुना और आश्वासन दिया है कि वह स्वयं के  देखरेख में नवसृजित राजस्व ग्रामों का विकास करायेंगे। वन निवासियों को धैर्य खोने की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए प्रभागीय वन अधिकारी कतर्नियाघाट आकाशदीप वधावन से वार्ता हो गई है। वनटांगिया ग्रामों का विकास वैसे भी शासन की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। जिलाधिकारी के इस आश्वासन के बाद चूल्हा बंदी आंदोलन समाप्त हो गया है।ज्ञातव्य हो कि 19 जनवरी 2023 को नवसृजित राजस्व ग्राम भवानीपुर में मा.मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदत्त वन अधिकार पत्र धारक पुत्तीलाल के द्वारा घर बनवाने के लिए ईंट मंगवाया गया था जिसको वन  विभाग ने बिछिया वन वैरियर पर रोक दिया था  और वन विभाग के अधिकारी कह रहे थे कि वह भवानीपुर के राजस्व ग्राम होने की बात नहीं मानते हैं। लोगों की भारी भीड़ बैरियर पर जमा हो गई थी। लोगों ने वन विभाग से सवाल उठाए थे कि 28 दिसंबर 2012 को तत्कालीन जिला अधिकारी किंजल सिंह के द्वारा दिए गए अधिकार पत्र जिन पर प्रभागीय वन अधिकारी कतरनिया घाट के हस्ताक्षर भी मौजूद हैं क्या वह फर्जी हैं? 8 जनवरी 2022 को वर्तमान जिला अधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र द्वारा सांसद अक्षयबर लाल गौड़ की मौजूदगी में वन ग्रामों के राजस्व ग्राम में परिवर्तन की घोषणा क्या झूठी थी? 15 नवंबर 2022 को सोनभद्र में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा भवानीपुर निवासी पुत्ती लाल माता प्रसाद मनीराम तथा जगदीश को दिए गए अधिकार पत्र क्या फर्जी हैं?25 दिसंबर 2022 को भवानीपुर में आयोजित सुशासन दिवस में जिलाधिकारी द्वारा किए गए वादे आखिर सच है या नहीं है ? वन विभाग के द्वारा सटीक उत्तर ना मिलने नाराज वन निवासियों ने जिलाधिकारी जी के निर्देश प्राप्त होने तक चूल्हा बंदी आंदोलन चलाने की शुरुआत कर दी थी। इस गांधीवादी आंदोलन के तहत लोगों ने सुबह का नाश्ता बनाना बंद कर दिया था। 1 सप्ताह बीतने के बाद दोपहर का भोजन और 15 दिन बीतने के बाद सभी समय का भोजन बंद किए जाने की तैयारी चल रही थी। इसके साथ ही वन अधिकार आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने ऐलान किया था कि वह हजारों वन निवासियों के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के लिए जाएंगे। अब यह आंदोलन जिलाधिकारी के आश्वासन मिलने के बाद समाप्त हो गया है। जिला अधिकारी ने बताया है कि उन्होंने प्रभागीय वन अधिकारी कतरनिया घाट के साथ बातचीत की है और सभी अवरोध समाप्त कर दिए गए हैं। उधर जिला अधिकारी को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नामित होने की सूचना मिलने पर वन निवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है और उन्हें बधाइयां देने का सिलसिला शुरू हो गया है।

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