परिवार नियोजन कार्यक्रम के अन्तर्गत बस्ती, संतकबीरनगर जिले में एक भी नई पहल किट वितरित नहीं की गई। जबकि सिद्धार्थनगर में लगभग 3000 किट वितरित किया गया है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत पिछले माह 1878 तथा नवम्बर माह में 2426 बच्चों को उपचार के लिए अस्पताल नही भेजा गया। पिछले वित्तीय वर्ष में विभाग द्वारा लगभग 80 करोड़ रूपया विभिन्न योजनाओं में खर्च किया गया है, परन्तु अभी तक उसका आडिट नही कराया गया है।
28 प्रतिशत लोगों के बने कार्ड
जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत बस्ती जिले में 12642 में से 6687 आशाओं, संतकबीर नगर में 3532 तथा सिद्धार्थनगर में 2200 आशाओं का मानदेय का भुगतान नही होना मिला, समय से भुगतान सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। मण्डल में गोल्डन कार्ड बनाने की प्रगति भी धीमी मिली। कुल 22,04,322 लाभार्थियों के सापेक्ष 644002 गोल्डन कार्ड बनाए गए है, जो 28.92 प्रतिशत है।
योजनाओं की हुई समीक्षा
आपरेशन कायाकल्प के तहत विद्यालय में किसी प्रकार की टूट-फूट की तत्काल मरम्मत कराने, जल निगम से तकनीकी रिपोर्ट प्राप्त कर ही इण्डिया मार्क टू हैण्ड पंप रीबोर कराने को कहा। नई सड़कों का निर्माण, पुल निर्माण, सोलर, फोटोवोल्टाइक सिंचाई पम्प, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, निराश्रित गोवंश संरक्षण, विधवा, दिव्यांग पेंशन, आईसीडीएस, गन्ना मूल्य भुगतान आदि योजनाओं की समीक्षा किया।
बैठक में जेडीसी पद्मकान्त शुक्ल, डीएम बस्ती प्रियंका निरंजन, सिद्धार्थनगर संजीव रंजन, सीडीओ जयेन्द्र कुमार, डा. राजेश प्रजापति, अतुल मिश्र, एडी हेल्थ डा. चन्द्रप्रकाश कश्यप, मुख्य अभियन्ता विद्युत पीयूष शुक्ला, संयुक्त निदेशक कृषि अविनाश चन्द्र तिवारी, उप निदेशक अर्थ एवं संख्या अमजद अली अंसारी, सिचांई के लवकुश सिंह, नलकूप के लक्ष्मीनारायण, जलनिगम के राजेन्द्र सिंह, विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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