कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जीएसटी कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि जुर्माने की धनराशि व्यक्तिगत रूप से अधिकारी को जमा करना होगा। इसलिए सभी अधिकारी जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करा लें ताकि 2.5 लाख से अधिक भुगतान करने पर जीएसटी का भुगतान किया जा सके।
कहा कि प्रत्येक माह की 10 तारीख तक विभाग द्वारा जीएसटी आर-7 भरना अनिवार्य है। विभाग द्वारा 2 प्रतिशत जीएसटी काट कर फर्म को भुगतान किया जाएगा, जीएसटी आर-7 के माध्यम से इसे पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। शेष धनराशि फर्म द्वारा जीएसटी के रूप में जमा की जाएगी। वाणिज्यकर विभाग को निर्देशित किया कि कलेक्ट्रेट एवं विकास भवन में कैम्प लगाकर विभागो का जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना सुनिश्चित करें।
टैक्स विलम्ब से देने पर जुर्माना
सहायक आयुक्त वाणिज्यकर विकास द्विवेदी ने बताया कि टैक्स विलम्ब से जमा करने पर ब्याज सहित जुर्माना भी अदा करना होगा। जीएसटी के सम्बन्ध में किसी प्रकार की समस्या होने पर उनके कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है। कार्यशाला में विभागीय अधिकारियों ने जीएसटी के सम्बन्ध में आवश्यक विचार-विमर्श भी किया।
कार्यशाला में सीडीओ डा. राजेश कुमार प्रजापति, मुख्य कोषाधिकारी एपी बाजपेयी, डीडीओ अजीत श्रीवास्तव, डीसी मनरेगा संजय शर्मा, अधिशासी अभियन्ता विद्युत महेन्द्र मिश्र, एमके गौड़, कृषि अधिकारी मनीष सिंह,विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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