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Sep 20, 2022

फंगल के साथ वायरल इंफेक्शन के मरीज बढ़े

बस्ती । इस मौसम में वॉयरल व फंगल इंफेक्शन के मरीज बड़ी संख्या में अस्पतालों में आ रहे हैं। बारिश थमने के बाद ओपीडी में भीड़ उमड़ रही है। जिला अस्पताल के आयुष चिकित्सक डॉ. वीके वर्मा का कहना है कि फंगल इंफेक्शन होने के साथ ही वॉयरल बुखार की भी शिकायत काफी संख्या में आ रही है।   

         जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की भीड़ सबसे ज्यादा वरिष्ठ चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. रामप्रकाश व डॉ. राम अनुग्रह के चेंबर में दिखाई पड़ी। फंगल, दाद, खाज, खुजली, पैर के पंजे में सड़न व एलर्जी के मरीजों की संख्या अधिक रही। चेस्ट फिजिशियन डॉ. जमा ने बताया कि वायरल फीवर के साथ सर्दी, जुकाम, खांसी व अस्थमा की समस्या लेकर मरीज आ रहे हैं। 15-20 प्रतिशत मरीज बरसात में भीगने के कारण बीमार हुए हैं। दोपहर एक बजे तक 85 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा इकाई ओपेक हॉस्पिटल कैली में सोमवार को 1250 ओपीडी पर्चा कटा। फिजीशियन के पास 217 मरीज देखे गए, जिसमें वॉयरल फीवर, प्लेटलेट की कमी, सर्दी, जुखाम और पेट दर्द के मरीज ज्यादा रहे। मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रो. पवन चौधरी ने बताया कि ज्यादातर मरीज में पीलिया, प्लेटलेटस की कमी देखी गई। उन्हें दवा के साथ आराम करने की सलाह दी गई है। बरसात और गर्मी के कारण फंगस के मरीज बढ़े हैं। एक से डेढ़ माह तक दवा चलाने की सलाह इन्हें दी जा रही है।    

एक ओर जहां पीलिया के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, वहीं अस्पतालों से इसकी दवा गायब है। मेडिकल कॉलेज से लेकर जिला अस्पताल तक पीलिया की कोई दवा मौजूद नहीं है। जिला अस्पताल के एसआईसी डॉ. आलोक वर्मा का कहना है कि उन्हें कारपोरेशन से जो दवाएं मिलती हैं, वही मरीजों में बांटी जा रही है। दवा अस्पताल में न होने पर चिकित्सक बाहर से दवा लिख रहे हैं। यह दवा बाहर दुकान पर काफी महंगी पड़ रही है। सिप्रोफ्लाक्सासिन, एजीथ्रोमाईिसन, एमॉक्सीक्लीन कैल्वियम, पैरासीटॉमॉल, फ्लूकोनॉजोल, बीबी लोशन, सिट्रीजिन टेबलेट आदि मौजूद है। आयुष चिकित्सक डॉ. वर्मा ने बताया कि होम्योपैथिक की दवाएं मौजूद हैं। तेज बुखार वालों को एलोपैथिक दवा के लिए रेफर कर दिया जाता है। यूनानी चिकित्सक डॉ. जुनैद ने बताया कि उनके यहां आयुष की दवा नहीं है। अस्पताल में उपलब्ध दवाएं लिखी जा रही हैं।     

            रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट

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