जनपद में आगजनी से बचाव के लिए होटलों, रेस्त्रां व अस्पतालों की अप्रैल-मई 2022 में फायर आडिट कराई गई थी। इस दौरान मिली खामियों को दूर करने के लिए दो दर्जन संस्थाओं को नोटिस भी जारी की गई थी। खामियों को दूर करने की मानीटरिंग भी विभागीय स्तर से की गई। इन होटलों आदि में अग्निशमन विभाग द्वारा समय-समय पर एडवाइजरी जारी करने की जरूरत है। ताकि होटल कारोबारी हमेशा सतर्क रहें। बस्ती में होटलों, रेस्त्राओं और निजी क्षेत्र के अस्पतालों की संख्या करीब 100 है।
पड़ताल में होटलों में प्रवेश करते समय दीवाल पर अग्निशमन यंत्र मिले। वहीं, कई होटलों में आगजनी की घटना होने पर आग पर काबू पाने के लिए फायर होसरील भी लगाए गए हैं। प्रबंधन द्वारा होटलों के अंदर इमरजेंसी सीढ़ी भी बनवाई गई है। आपातकालीन द्वार के साथ ही बालू रखी बल्टियां भी नजर आईं।
अग्निशमन विभाग की जागरूकता संबंधी कार्य करने से होटलों, रेस्त्राओं और निजी क्षेत्र के अस्पताल मालिकों की सक्रियता के कारण जिले में अब तक कोई बड़ी घटना नहीं घटी है। अग्निशमन विभाग के काम में सीमित संसाधन जरूर रोड़ा बन रही है। समय-समय पर अगलगी को घटनाओं को रोकने के लिए पूरे जिले में जन-जागरुकता कार्यक्रम आयोजित कराकर लोगों को जागरूक किया जाता है। शहर के बालाजी प्रकाश होटल के विवेक गिरोत्रा ने बताया कि होटल के अंदर अग्निशमन सुरक्षा से संबंधित सभी उपकरण लगाए गए हैं। साथ ही कर्मियों को हमेशा सतर्क रहने के लिए कहा जाता है। अग्निशमन यंत्रों के संचालन का अभ्यास भी कराया गया है। समय-समय पर अग्निशमन यंत्र की रिफलिंग भी कराई जाती है।
बढ़ते अग्निकांड की घटनाओं को देखते हुए जिले में चार अग्निशमन केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। जिनमें जिला मुख्यालय के अलावा तीन तहसीलों भानपुर, हर्रैया, रुधौली में एक-एक केंद्र खोला गया है। इसके अलावा कलवारी क्षेत्र की अग्निकांड की घटनाओं में इस्तेमाल करने के लिए एक टीम कलवारी थाने पर फायर सीजन में तैनात रहती है। संसाधनों की बात करें तो कुल मिलाकर चार बड़े फायर टेंडर और दो चार सौ लीटर की पानी वाली गाड़ी उपलब्ध है। इनमें से मुख्यालय व तीनों तहसीलों पर एक-एक फायर टेंडर लगाया गया है। जिले स्तर पर कम से कम दस और फायर टेंडर की आवश्कता है। इसके लिए विभागीय स्तर से डिमांड भी भेजी गई है। अग्निशमन विभाग में आगजनी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। गर्मी के मौसम में लोगों की परेशानी काफी बढ़ जाती है। चालकों की कमी से भी अग्निशमन विभाग लम्बे समय से जूझ रहा है। वर्तमान में कुल 65 कर्मचारी यहां कार्यरत हैं। होमगार्ड भी आवश्कतानुसार तैनात किए जाते हैं। नौबत यह है कि फायर सीजन में गैरजनपदों से भी आग बुझाने के लिए फायर टेंडर मांगने पड़ जाते हैं। शहर में विभिन्न स्थानों पर दस हाईड्रेंट सक्रिय हैं।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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