लखनऊ - खाँटी समाजवादी इमानदारी के पर्याय तथा लगातार आठ बार वैशाली से सांसद बनकर देश के सदन मे आमजनमानस के हितो की वकालत करने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह (74 )का निधन हो गया। करीब एक माह पुर्व कोरोना की चपेट मे आने के बाद उन्हें पटना के एक अस्पताल मे भर्ती कराया गया था और हालत मे सुधार न होने पर उन्हें दिल्ली के एम्स मे एडमिट कराया गया था,जहाँ आज सुबह उन्होनें अन्तिम साँस ली। बिहार के मगध विश्व विद्यालय मे गणित के प्रोफेसर व जनतादल के संस्थापक सद्स्य रहे रघुवंश प्रसाद सिंह ने गाँव गरीब की सेवा के लिये राजनीति मे कदम रखा और अन्तिम साँस तक वह अपने संकल्प पर अडिग रहे। बिहार मे एमएलए व एमएलसी निर्वाचित होने के बाद वह बिहार विधान परिषद के सभापति बने। इसके बाद वर्ष 1996 मे पहली बार वैशाली से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद आमजन से अथाह लगाव व सेवाभाव के चलते वह लगातार 8 बार इसी क्षेत्र से सांसद बनकर जनता की सेवा मे लगे रहे। लोकसभा में हमेशा गाँव गँवई की बात करने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह ने इस दौरान एच डी देवेगौड़ा तथा आई के गुजराल सरकार मे खाद्य प्रसंस्करण तथा 2004 मे यू पी ए सरकार मे ग्रामीण विकास जैसे अति महत्वपूर्ण मंत्रालयों की अहम जिम्मेदारी सम्भाल कर आमजन के लिये बृहद पैमाने पर काम करते हुये देश के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिये मनरेगा और स्वच्छ भारत मिशन जैसी अति महत्वपूर्ण योजना बनाकर उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के साथ ही जनकल्याण का काम किया। इमानदारी के प्रतीक व बिहार की राजनीति के धुरी माने जाने वाले रघुवंश प्रसाद राजद संस्थापक लालू प्रसाद यादव के बहुत करीबी माने जाते थे। अपने सहयोगी व कार्यकर्ता को बेहद तवज्जो देने वाले रघुवंश प्रसाद का जनपद गोण्डा से भी बेहद लगाव था। लोकसभा मे आरजेडी के नेता होते हुये भी वह अपने आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार सिंह (जो कि वर्तमान मे कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हैं) के गोण्डा मे 29 नवम्बर 1999 मे आयोजित शादी समारोह मे बराती बनकर पूरी रात्रि बैठे रहे। अब इस महान सख्सियत के संस्मरण शेष हैं। जनसेेेवा, इमानदारी,त्याग व कार्यों के लिये लोग उन्हें कभी नही भुल सकेंगे। आज बिहार समेत पूरा देश उन्हे याद कर नमन कर रहा है।
Sep 13, 2020
नहीं रहे पार्लियामेंट मे गाँव गँवई की बात करने वाले,इमानदारी के पर्याय खाँटी समाजवादी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment