गोण्डा, जिन्दा रहने पर काम करते लोगो को तो आपने बहुत देखा होगा, लेकिन किसी व्यक्ति के मरने के बाद भी उसे कहीं मजदूरी करते नहीं देखा होगा, जिले में एक ऐसी जगह है अधिकारी दुनिया से विदा हो चुके मजदूर से भी काम करवाते हैं। दो साल पूर्व भी दो अलग- अलग ग्राम पंचायतों में तीन मृतको से काम कराने के प्रकरण में दोषी कार्य प्रभारी दण्डित हुए थे, कुछ इसी तरह का एक मामला मुजेहना ब्लाक का सामने आया है, जिसमे ग्राम बैजपुर के शमीम दर्जी नामक जाबकार्ड धारक से करीब 20 किमी दूर दूसरे गाँव मे मनरेगा योजना में कार्य दिखाकर उसके बैंक खाते में पैसा भेज दिया गया। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि ,क्षेत्र पंचायत निधि से कराये गये इस कार्य में शमीम को 10 अप्रैल से 25 अप्रैल तक कार्य करना दिखाकर उसके खाते में 16 दिनों की मजदूरी भेज दी गयी जबकि डेथ सर्टिफिकेट के मुताविक शमीम की 23 अप्रैल को ही मौत हो गई थी, बीमार व वुजर्ग व्यक्ति को गाँव से काफी दूर काम देने, 23 अप्रैल को मृत्यु के बाद भी 25 अप्रैल तक मजदूरी कराने व श्रमिक शमीम की वगैर जांच किये काम पर उसकी उपस्थिति प्रमाणित करने वाले जिम्मेदारों की मंशा पर सवालिया निशान लग रहा है , और यदि मामले की निष्पक्ष जांच होगी तो पूरे प्रकरण का पटाक्षेप हो जायेगा।
Oct 4, 2019
यहाँ मौत के बाद भी जाब कार्डधारक करते हैं काम,बैंक खाते में पहुँचती है मजदूरी।
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