Sep 10, 2019

करनैलगंज,गोण्डा/ महमूदाबाद ,सीतापुर-पीआरवी पुलिस का दिखा अदम्य साहस , भीड़ से निकालकर बचाई युवक की जान, तो करनैलगंज में भी पीआरवी ने बचाई एक लावारिस अचेत युवक की जान। करनैलगंज,गोण्डा/ महमूदाबाद ,सीतापुर।

पीआरवी पुलिस का दिखा अदम्य साहस , भीड़ से निकालकर  बचाई युवक की जान, तो करनैलगंज में भी पीआरवी ने बचाई एक लावारिस अचेत युवक की जान।
करनैलगंज,गोण्डा/ महमूदाबाद ,सीतापुर।



पीआरवी 0857 को सूचना दी गयी कि कटराघाट सरयू पुल के पास नारायनपुर मोड़ पर एक  अज्ञात युवक अचेत पड़ा है, जिसपर तुरन्त पीआरवी जवान बलई यादव,सत्य प्रकाश तिवारी व अशोक कुमार पहुँच गये और वहाँ मौजूद आजाद युवा फाउंडेशन के संस्थापक हर्षित सिंह व अन्य लोगो की मदद से पीड़ित को सीएचसी में भर्ती कराकर उसका तत्काल इलाज शुरू करा दिया, और परिजनों को सूचना देकर उन्हें करनैलगंज बुलाकर उसका बैग व मोबाइल उनके सुपुर्द कर दिया पीआरवी जवानों के अनुसार पीड़ित व्यक्ति सिद्धार्थनगर का निवासी है जो जहरखुरानी का शिकार ही गया था ।
वही
जनपद सीतापुर की कोतवाली महमूदाबाद के क्षेत्र अन्तर्गत  सेखवापुर गाँव के हसीब नामक एक युवक को  किसी बात को लेकर लोग मारने पीटने लगे। हसीब पुत्र यूनुस उम्र लगभग 30 वर्ष निवासी ग्राम समसेरी पुरवा  थाना घुंघटेर जिला बाराबंकी को सेखवापुर, जो कि भीड़ से घिर चुका था, इसकी सूचना गाँव के किसी व्यक्ति के द्वारा डायल 100 को दी। सूचना पाते ही डायल 100 पीआरवी यू.पी.32– डी. जी.– 1786 इनोवा मौके पर पहुंची और हसीब को अपने कब्जे में लेकर सीएचसी महमूदाबाद लाने हेतु गाड़ी में जैसे बिठाया फिर क्या था भीड़ उग्र होकर इनोवा गाड़ी पर लाठी डण्डे बरसाने लगी जिससे गाड़ी का पिछला सीसा छतिग्रस्त हो गया साथ इसके गाड़ी की बाडी का भी नुकसान हो गया जब इससे गाँव वालों का गुस्सा ठण्डा नहीं हुआ तो पीआरवी के सिपाहियों से हाथापाई पर उतर आये जिससे पीआरवी सिपाही रविकांत पटेल की बायीं आँख के ऊपर चोट लग गयी तथा चालक विजेन्द्र यादव के हाथ में चोट लग गई। दोनों सिपाहियों ने अपने को ना देख हसीब पुत्र यूनुस को भीड़ से बचाते हुए किसी तरह से जान को भी बचाते हुए  सीएचसी महमूदाबाद ले आये। गाँव वालों की मार पीट में यूनुस के सिर में चोट लग गई थी जिससे खून बह रहा था।

आपको बताते चलें कि जब उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी थी तो हिस्ट्रीशीटरों के छक्के छूट गए थे। मगर आज सेखवापुर गाँव में जो काण्ड डायल 100 के सिपाहियों के साथ हुआ है। वह क्षमा के लायक नहीं है। इससे यह लगता है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कानून व्यवस्था चौपट हो गई है। बड़े ही शर्म की बात है। जब रक्षकों पर इस तरीके से गाँव की जनता हमला करेगी तो क्या होगा कह पाना मुश्किल होगा।

केवल कानून बना देने से कुछ नहीं होता जब तक कानून का कड़ाई से पालन नहीं होगा। नित नये कानून बनाने का कोई मतलब नहीं है। अगर डायल 100 वाले सिपाहियों को खुले अवसर नहीं दिये जायेंगे तो आने वाले समय में इन सिपाहियों के साथ क्षेत्र में क्या होगा तथा कौन कौन सी घटनाएं घटेंगी यह कहना बहुत मुश्किल होगा।
डायल 100 वाले सिपाहियों के पास ना तो आत्म रक्षा हेतु पिस्टल है। और ना ही हाथ में डण्डा है। खाली हाथ मौके वारदात पर पहुँचना और अपना कर्तव्य निभाना। भले ही सिपाहियों की जान क्यों ना चली जाये। इससे किसी नेता या किसी और से क्या मतलब है।
पीआरवी टीम का विवरण।
1– गया प्रसाद वर्मा।
हेड काँस्टेबल।
2– रविकांत पटेल।
काँस्टेबल।
3– विजेन्द्र कुमार यादव।
वाहन चालक पीआरवी।
बाइट– एमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर की।

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