करनैलगंज /गोण्डा - साहित्यिक संस्था 'बज़्मे शामे ग़ज़ल' की शोक गोष्ठी संस्था के विशिष्ट सदस्य व छः बार से लगातार सभासद मोहम्मद साबिर (मेम्बर) के निधन पर सगीर नज़ीर सिद्दीक़ी मार्केट मो० बालूगंज में आयोजित हुई । गोष्ठी की अध्यक्षता अब्दुल गफ्फार ठेकेदार ने की व संचालन याकूब सिद्दीक़ी 'अज़्म' ने किया । महामन्त्री मुजीब सिद्दीक़ी ने शोक प्रस्ताव प्रस्तुत किया । जिसके तहत वक्ता गण ने साबिर मरहूम की अदब नवाज़ी , बेबाकी व साफ गोई और सामाजिक योगदान का जिक्र करते हुए भरपूर खिराजे अकीदत पेश किया । अध्यक्षता कर रहे अब्दुल गफ्फार ने कहा कि जनाज़े की भीड़ से उनकी लोकप्रियता उजागर हुई । संरक्षक गणेश तिवारी 'नेश' ने मरहूम के बच्चों का आवाहन किया कि अपने पिता श्री की तरह मानवता व समाज सेवा कर के उनका नाम ज़िन्दा रखो । पूर्व चेयरमैन शमीम अख़्तर (अच्छन) ने साबिर मेम्बर के साथ अपने बरसों तअल्लुक़ात का स्मरण करते हुए उन के विभिन्न सामाजिक योगदान का ज़िक्र किया । अकील कुरैशी व खुर्शीद आलम ने मरहूम की इन्सानियत नवाज़ी की सराहना करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया । अन्य वक्ताओं ने भी उन्हें हर दिल अज़ीज़ शख़्सियत बताया । आगाज़ में शब्बीर शाद व सगीर सिद्दीक़ी ने नात पेश की और इमरान मसऊदी ने नज़्म से श्रद्धांजलि दी।
गोष्ठी में नियाज़ क़मर, अब्दुल क़य्यूम सिद्दीक़ी, अनीस खां आरिफी, वसीम अहमद, अल्ताफ हुसैन राईनी, साबिर गुडडू, आजम खां, तौक़ीर राजू, सरवर अली, जावेद आलम, इख़लाक वारिस, मास्टर इक़बाल, राजू अंसारी, सज्जन, इरफान, इरशाद, जाबिर, मेराजुद्दीन, जुनैद, ज़ियाउलहक, दिलदार , कैफ अंसारी, आमिर, अनस, साहिल के साथ मरहूम के बेटों जावेद व परवेज़, भतीजे साजिद के साथ अन्य उपस्थित रहे ।
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