गोण्डा-परिवार नियोजन साधनों की पहुँच बढ़ाने के लिए शुक्रवार को जनपद के सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर अन्तराल दिवस मनाया गया। इस दौरान स्वास्थ्य केन्द्रों पर पहुंचने वाली महिलाओं को अस्थाई गर्भनिरोधक साधनों का लाभ दिया गया।साथ ही उनकी परिवार नियोजन सम्बन्धी शंकाओं का समाधान भी किया गया।जिला कार्यक्रम प्रबंधक (एनएचएम) अमरनाथ ने बताया कि अन्तराल दिवस पर महिलाओं को उनके मनचाहे अस्थायी गर्भनिरोधक निःशुल्क मुहैया कराये गए। जिले भर में 34 पीपीआईयूसीडी, 25 आईयूसीडी, साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली 'छाया' 180 व त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा के 41 डोज की निःशुल्क सेवा का लाभ महिलाओं द्वारा लिया गया। सेवा प्रदायगी के साथ महिलाओं में परिवार नियोजन से जुड़ी भ्रांतियों और मिथकों का समाधान भी किया गया।डीपीएम ने बताया कि महिलाओं को अंतरा केयरलाइन के बारे में जानकारी दी गई । 1800-103-3044 के जरिए महिलाएं इससे आसानी से जुड़ सकती हैं ।इस टोल-फ्री नंबर से बड़ी आसानी से अपने हर सवाल का जवाब घर बैठे ही ले सकती हैं।
सीएमओ ने अब तक की 27 महिलाओं की नसबंदी
सीएचसी करनैलगंज में शुक्रवार को साप्ताहिक अन्तराल दिवस मनाने के साथ-साथ नियत सेवा दिवस के तहत महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया।इसमें विभाग की मुखिया (सीएमओ) डॉ रश्मि वर्मा ने स्वयं लाभार्थियों को सेवा प्रदान की ।सीएमओ ने नसबंदी के लिए पंजीकृत क्षेत्र की पांच महिलाओं की नसबंदी की। वहीं शनिवार को नियत सेवा दिवस के तहत सीएचसी नवाबगंज में आयोजित महिला नसबंदी शिविर में सीएमओ ने 12 महिलाओं को नसबंदी की सेवा प्रदान की।वहीं पिछले हफ्ते सीएचसी मनकापुर में आयोजित नियत सेवा दिवस में सीएमओ ने 10 महिलाओं की नसबंदी की थी।इससे सीएमओ द्वारा अब तक की गई कुल महिला नसबंदी की संख्या 27 हो गई है।सीएमओ डॉ रश्मि वर्मा ने बताया कि जो महिलाएं अनचाहे गर्भ रोकने के लिए स्थायी उपाय चाहती हैं या जिस दंपति का परिवार पूरा हो गया है, उनके लिए नसबंदी सबसे बेहतर और सुरक्षित उपाय है।महिलाएं अपने दांपत्य जीवन को खुशहाल रखने के लिए नसबंदी की नि:शुल्क सुविधा का लाभ उठा सकती हैं।अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण सेवाएं डॉ एपी सिंह ने बताया अनचाहे गर्भ से मुक्ति व बच्चों में तीन वर्ष के अंतर हेतु विकल्प के तौर पर कई अस्थाई गर्भ निरोधक साधन मौजूद हैं।इसमें नवीन अस्थाई गर्भ निरोधक साधन अंतरा व छाया बेहतर विकल्प के तौर पर सभी सरकारी स्वास्थ्य इकाईयों पर उपलब्ध हैं।इसके अधिकतम इस्तेमाल को सुनिश्चित कराने के लिए जिले में प्रत्येक शुक्रवार को ‘अन्तराल दिवस’ का आयोजन किया जाता है।इस दौरान अन्य साधनों के साथ नवीन अस्थायी साधन अंतरा व छाया की नि:शुल्क सेवा प्रदान की जाती है।यूपीटीएसयू के वरिष्ठ परिवार नियोजन विशेषज्ञ का कहना है कि परिवार नियोजन अपनाने से मातृ मृत्यु-दर में 30 फीसदी एवं शिशु मृत्यु-दर में 10 फीसदी तक की कमी लायी जा सकती है ‘अन्तराल दिवस’ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शादी के बाद नव दंपत्तियों को पहले बच्चे में दो साल तथा पहले व दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रखने पर विशेष ध्यान देने पर जागरुक करना है।

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