उन्होंने बताया कि मॉकड्रिल का उद्देश्य लंपी स्किन रोग वायरल की चेन को तोड़ना है। इसलिए बीमार पशुओं का समय से उपचार, पशुओं के नीचे व आसपास साफ-सफाई, स्प्रे कर निपटने की तैयारी की गई। ग्रामीणों से बीमार पशु को अलग रखने, पशुओं के नीचे व आसपास साफ-सफाई, बीमार पशु की सूचना चिकित्सकों को देने को कहा गया। गांव, गोआश्रय स्थल पर साफ-सफाई, कीटनाशक दवाईयों का स्प्रे, एंटी लार्वा फागिंग कराई गई। नियुक्त 57 नोडल अफसर हर सप्ताह गो आश्रय स्थल का भ्रमण कर स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
छावनी में रूपगढ़ गौशाला पर 13 गोवंशी में से तीन दो दिन से बीमार हैं। बभनगांवा पशु अस्पताल के चर्तुथ श्रेष्णी कर्मचारी राजकुमार गौड़, गौ रक्षक बृजभूषण वर्मा ने तीनों का इलाज किया। पशु चिकित्सक डॉ. सत्यप्रकाश यादव ने बताया लंपी बीमारी को लेकर मॉकड्रिल किया गया है। सल्टौआ में हरिहरपुर के कमदा स्थित गोआश्रय स्थल में पशुधन प्रसार अधिकारी नुरुलहुदा ने मॉकड्रिल किया और 32 पशुओं को इंजेक्शन लगाया।
भानपुर में राजकीय पशु चिकित्सालय रामनगर के अंतर्गत संचालित गोवंश आश्रय स्थल खम्हरिया पश्चिम, मैलानी उर्फ हिन्दूनगर व बेलगड़ी में पशुओं को लम्पी स्किन डिजीज से बचाने के लिए माकड्रिल किया गया। एंटी लार्वा का छिड़काव कर सेनिटाइजेशन भी किया गया। डिप्टी सीवीओ उमेश चन्द्र, पशु चिकित्सक डॉ. एस के श्रीवास्तव, पशुधन प्रसार अधिकारी दिनेश चन्द्र, सुबाष चौधरी व फार्मासिस्ट रामनेवास मौजूद रहे।
दुबौलिया में वृहद गोसंरक्षण केंद्र रमना तौफिर में पशु चिकित्सक डॉ. अजय कुमार गौड़ के नेतृत्व में लंपी बीमारी को देखते हुए मॉकड्रिल किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य केंद्र में साफ सफाई के साथ ही पूरे परिसर में दवाओं का छिड़काव किया गया। पशुओं को तत्काल उपचार करने का तरीका बताया गया। 161 पशुओं का स्वास्थ्य चेक किया गया।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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