चार दिन तक बैंक बंद होने के कारण थोक व्यापारियों के बाहर से आने वाले मॉल नहीं बुक हो पाए। अधिकांश कंपनियां आरटीजीएस के माध्यम से धनराशि प्राप्त होने के बाद ही मॉल बुक कर बिलिंग करती हैं। उसके बाद उनके सामान ट्रांसपोर्ट से आते हैं। त्योहारी सीजन होने के चलते थोक व्यापारियों के गोदाम भी माल से खाली हुए तो उन्हें भरने के लिए नए आर्डर आरटीजीएस के अभाव में नहीं लग पाए। थोक व्यापारी कुलदीप सचदेवा तो कई कंपनियों के थोक विक्रेता हैं का कहना था कि एक लाख रुपये तक मोबाइल से ट्रांसफर किया जा सकता है, लेकिन उसके ऊपर की धनराशि पर रिस्क नहीं लेते हैं। ऐसे में बैंक ही सहारा होता है। जो भी कंपनी है, वह मॉल की बिलिंग एडवांस में जमा धन के आधार पर ही करती है। इस कारण पिछले चार दिनों में कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।
शहर के गांधीनगर मुख्य शाखा में मिले रमेश गुप्ता ने कहा कि आज भीड़ ने नोटबंदी की याद दिला दिया। बैंक में उपभोक्ता भारी संख्या में जुटे। सामान्य काम होने में भी काफी समय लगा। यही हाल कोर्ट एरिया शाखा बड़ेबन का था, जहां पर काफी जगह होने के बाद भी वाहन पार्किंग में कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। पंजाब नेशनल बैंक के आफिसर जेडयू खान के अनुसार बैंक की शाखाओं में रूटीन के दिनों की अपेक्षा तीन गुना तक काम हुआ। यही हाल बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक व निजी बैंकों का भी रहा, जहां पर सामान्य से कहीं अधिक उपभोक्ता पहुंचे और रुपयों की जमा, निकासी व आरटीजीएस आदि का काम किया।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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