जिले में चारों तहसील बस्ती सदर, हर्रैया, भानपुर व रुधौली में नियमानुसार एक-एक वर्षा मापी यंत्र होने चाहिए। बताया जाता है कि हर्रैया व कलेक्ट्रेट में वर्षा मापी यंत्र है लेकिन रिपोर्ट लखनऊ भेजते हैं, दूसरे दिन इसकी रिपोर्ट मिलती है। ऐसे में सटीक वर्षा का अंकन जिले में नहीं हो पाता है। कृषि विभाग व उद्यान विभाग के आंगन भी वर्षा मापी यंत्र मशीन से सूने हैं।
हाल ही में कृषि विज्ञान केंद्र बंजरिया में स्थापित वर्षा अंकन मशीन भी खराब है। ऐसे में अधिकारियों को मौसम व वर्षा की सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है। वर्षा मापन प्रभारी ने बताया कि हर्रैया व कलेक्ट्रेट में वर्षा मापी यंत्र मशीन लगी है। वर्षा होने पर रिपोर्ट कलेक्ट करके लखनऊ भेज दी जाती है, दूसरे दिन कंपाइल रिपोर्ट प्राप्त होती है।
वर्षा मापी के अलावा मौसम की जानकारी भी वैकल्पिक व्यवस्था से ली जाती है। नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या से मौसम की जानकारी लेनी पड़ती है। यहां मौसम से संबंधित मशीनें खराब हैं। पूर्व में औद्यानिक प्रशिक्षण केंद्र उद्यान में स्थापित मशीन भी देखरेख के अभाव में खराब हो गई है।
जिले में यदि वर्षा हुई और इसकी रिपोर्ट यदि कोई चाहे कि कितनी मिलीमीटर वर्षा हुई है, तो नहीं मिल पाती है। वर्षा की रिपोर्ट दूसरे दिन प्रदेश से आई रिपोर्ट में दिखाई जाती है कि वर्षा इतनी हुई है। ऐसे में विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को भी समस्या होती है।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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