करनैलगंज/ गोंडा- लखनऊ गोंडा राजमार्ग स्थित सरयू नदी पर बने कटराघाट पुल की मरम्मत का कार्य धीमी गति से चलकर अब सम्पन्न हो गया है जिसके चलते लोगों को करीब दो माह तक भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा जिसका सीधा असर लोगों की दिनचर्या पर देखने को मिला । चाहे स्कूल जाने वाले बच्चे हों, या राजधानी लखनऊ से होकर अन्य स्थानों को जाने वाले यात्री और या राजधानी तक इलाज कराने जाने वाले मरीज सभी परेशान दिखे। आपको बता दें कि बीते वर्ष मरम्मत के दौरान एंबुलेंस व इमरजेंसी वाहनों को निकलने की व्यवस्था थी पर इस बार समझदार अधिकारियों ने अपनी समझदारी का परिचय देते हुए सरयू पुल पर बैरिकेडिंग का निर्माण कुछ इस प्रकार कराया कि जिसमें इमरजेंसी वाहनों के आवागमन में बड़ी दिक्कतें आई और उन्हें भी वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना पड़ा। यह तो ऊपर वाले का शुक्र है कि अब तक कोई अप्रिय घटना किसी मरीज के साथ नहीं घटी नहीं तो इसका जिम्मेदार कौन होता ? बहरहाल जिम्मेदारों द्वारा मरम्मत कार्य को एक माह में पूरा हो जाने को बताया गया था उस कार्य को करीब 2 माह व्यतीत होने के बाद पूरा कराया जा सका। अब यह सवाल उठता है कि पुल के मरम्मत के दौरान आवागमन हेतु सराहा बने वैकल्पिक मार्गों के क्षतिग्रस्त होने की भरपाई कब और कैसे होगी,और आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा। फिलहाल अब पुल का मरम्मत कार्य पूर्ण हो जाने के बाद इंतजार की घड़ी खत्म हो गई है ,लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन विनोद त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि पुल के मरम्मत का कार्य पूर्ण हो चुका है और आगामी 28 मार्च से पुनः आवागमन प्रारम्भ हो जायेगा।
Mar 25, 2023
खत्म हुआ इंतजार,28 को खुल जायेगा सरयू पुल का द्वार,लेकिन कौन होगा इन समस्याओं का जिम्मेदार
करनैलगंज/ गोंडा- लखनऊ गोंडा राजमार्ग स्थित सरयू नदी पर बने कटराघाट पुल की मरम्मत का कार्य धीमी गति से चलकर अब सम्पन्न हो गया है जिसके चलते लोगों को करीब दो माह तक भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा जिसका सीधा असर लोगों की दिनचर्या पर देखने को मिला । चाहे स्कूल जाने वाले बच्चे हों, या राजधानी लखनऊ से होकर अन्य स्थानों को जाने वाले यात्री और या राजधानी तक इलाज कराने जाने वाले मरीज सभी परेशान दिखे। आपको बता दें कि बीते वर्ष मरम्मत के दौरान एंबुलेंस व इमरजेंसी वाहनों को निकलने की व्यवस्था थी पर इस बार समझदार अधिकारियों ने अपनी समझदारी का परिचय देते हुए सरयू पुल पर बैरिकेडिंग का निर्माण कुछ इस प्रकार कराया कि जिसमें इमरजेंसी वाहनों के आवागमन में बड़ी दिक्कतें आई और उन्हें भी वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना पड़ा। यह तो ऊपर वाले का शुक्र है कि अब तक कोई अप्रिय घटना किसी मरीज के साथ नहीं घटी नहीं तो इसका जिम्मेदार कौन होता ? बहरहाल जिम्मेदारों द्वारा मरम्मत कार्य को एक माह में पूरा हो जाने को बताया गया था उस कार्य को करीब 2 माह व्यतीत होने के बाद पूरा कराया जा सका। अब यह सवाल उठता है कि पुल के मरम्मत के दौरान आवागमन हेतु सराहा बने वैकल्पिक मार्गों के क्षतिग्रस्त होने की भरपाई कब और कैसे होगी,और आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा। फिलहाल अब पुल का मरम्मत कार्य पूर्ण हो जाने के बाद इंतजार की घड़ी खत्म हो गई है ,लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन विनोद त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि पुल के मरम्मत का कार्य पूर्ण हो चुका है और आगामी 28 मार्च से पुनः आवागमन प्रारम्भ हो जायेगा।
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