अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण बस्ती मंडल डॉ. सीपी कश्यप ने कहा कि प्रत्येक बच्चे के लिए पांच साल में 7 बार नियमित टीकाकरण जरूरी है। टीकाकरण से ही गम्भीर बीमारियों से बच्चों को बचाया जा सकता है। छूटे हुए बच्चों को चिह्नित कर उन्हें प्रतिरक्षित किया जाना जरूरी है। सीएमओ डॉ. आरपी मिश्रा ने कहा कि प्रत्येक एएनएम सब सेंटर स्तर से ड्यू लिस्ट तैयार कराई जा रही है। टीम का प्रयास हो कि कोई बच्चा छूटने न पाएं। टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवार के बच्चों के टीकाकरण में ब्लॉक रिस्पांस टीम, हेल्थ सुपरवाइजर, समुदाय के प्रतिष्ठित लोगों का सहयोग लिया जाना चाहिए।
7 नवम्बर तक छूटे बच्चों की सूची तैयार कर लेनी है। यूनीसेफ के रीजनल कोआर्डिनेटर मनोज श्रीवास्तव, डीएमसी अनीता सिंह ने कहा कि लोगों के प्रवास के कारण टीकाकरण में समस्या आती है। ऐसे परिवारों के बच्चों को चिन्हित कर उनके गांव में मौजूद रहने के दौरान प्रतिरक्षित किया जा सकता है। डिविजनल कोआर्डिनेटर एचबीएनसी (यूनिसेफ) सुरेंद्र शुक्ला ने अभिमुखीकरण के प्रत्येक बिन्दु के बारे में विस्तार से बताया।
कहा कि टीकारण के सहारे ही पोलियो और कोरोना पर काबू पाया जा सका है। सीएचसी मरवटिया के बीसीपीएम अखिलेश त्रिपाठी, अश्वनी कुमार ने बताया कि सबसे पहले ड्यू लिस्ट तैयार करानी है। टीम को मोबिलाइज करने के साथ ही टीकाकरण के प्रति उदासीन लोगों को कैसे तैयार किया जाएगा, इसके बारे में विस्तार से कार्यशाला में बताया गया है। इस दौरान जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. विनोद कुमार, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी राजेश कुमार चौधरी और अन्य अधिकारी कार्यशाला में मौजूद रहे।
रुधौली बस्ती से अजय पांडे की रिपोर्ट
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