बहराइच/फखरपुर इस समय जो भी खेत खाली हैं उसमें अधिक से अधिक क्षेत्रफल में किसान नवम्बर भर शरदकालीन गन्ना बुवाई कर सकते है बरसात होने के कारण बुवाई मैं थोड़ी देरी हुई है लेकिन अभी भी पर्याप्त समय किसानो के पास है नई प्रजातियो को बुवाई पर विशेष ध्यान दे जैसे -15023,13235,14201, इसके अलावा खेत की तैयारी के समय ट्राइकोडर्मा एवं कम्पोस्ट खाद मिलाकर एक साथ प्रयोग करे तत्पश्चात शुद्ध गन्ना बीज का चुनाव करे और दो आँख का टुकड़ा ही बुवाई में प्रयोग करे अच्छे जमाव एवं कीड़े - बीमारी के नियंत्रण हेतु बीज शोधन हेक्सास्टोप फफूंदीनाशक, इमिडाक्लोरप्रिड कीटनाशक दवा एवं यूरिया को पानी के साथ घोल बनाकर 30 मिनट तक शोधित करे उसके बाद बोये , ट्रेंच विधि को ही प्राथमिकता दे और बुवाई में लाइन से लाइन की दुरी 5 फ़ीट रखे इससे जमाव अच्छा होगा और कल्लो का विकास काफी अच्छा होगा और शत -प्रतिशत गन्ना बनेगा और भारी उपज प्राप्त होगी गन्ने के साथ सहफसल ले सकते है जैसे - लाही , मसूर , मटर, आलू , एवं सब्जिया आदि उपरोक्त सभी बातो का अनुरोध पारले कंपनी के एसोसिएट मुख्य गन्ना प्रबंधक संजीव राठी दवारा किसानो से ग्राम - मरौचा एवं पदमपिचौरा में किया ,उन्होंने यह भी बताया की शरदकालीन बुवाई में अच्छी पैदावार पिछले वर्षो में किसानो को पारले कंपनी क्षेत्र में मिली है इस समय लेबर भी आसानी से मिल जाते है, बीज की मात्रा भी पर्याप्त उपलब्ध रहती है शरदकालीन गन्ना फसल में कीड़े - बीमारी का प्रकोप भी काफी कम रहता है इसलिए जो भी खेत खाली है उनमे अधिक से अधिक गन्ना इस समय किसान लगाए खेती अब एक व्यापार बन चूका है इसे व्यापार मानकर ही करे और सभी किसानो को अपने खेत पर कम से कम 12 घंटे का समय प्रतिदिन देना चाहिए जिससे फसल की पैदावार अच्छी होगी और शुद्ध मुनाफे में बढ़ोतरी होगी
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